दो साल के अनुभव वाले शिक्षक दूरस्थ शिक्षा से सीधे क र सकें गे बीएड
अंक सीमा में छूट का ऐलान शिक्षा का अधिकार कानून के तहत
लाखों अप्रशिक्षित शिक्षक होंगे लाभान्वित
सरकारी स्कूलों में करीब आठ लाख स्थायी लेकिन अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीएड करने के लिए केंद्र सरकार ने नियम आसान कर दिए हैं। सरकारी स्कूलों में करीब आठ लाख स्थाई किन्तु अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए केंद्र सरकार ने बीएड करने के नियमों में परिर्वतन कि या है । जिन शिक्षकों के पास दो साल का पढ़ाने का अनुभव है , वे दूर शिक्षा के जरिये सीधे बीएड कर सकेंगे। बीएड में उनके लिए प्रवेश के लिए न्यूनतम अंकों की अर्हता खत्म कर दी गई है जबकि पहले इसके लिए स्नातक स्तर पर 55 फीसदी अंक लाना अनिवार्य था। इसके अलावा दूर शिक्षा के जरिये बीएड क रने वाले अन्य गैर शिक्षण अनुभव वाले उम्मीदवारों के लिए भी अंक सीमा 55 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दी है । शिक्षा का अधिकार कानून के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार को अगले तीन सालों के भीतर 14 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करनी है तथा करीब आठ लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को ट्रेंड करना है । इस चुनौती से निपटने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुके शन (एनसीटीई) ने पहले से शिक्षण का कार्य क र रहे शिक्षकों के लिए बीएड में न्यूनतम अंक सीमा के प्रावधान को खत्म क र दिया है । एनसीटीई के एक उच्च अधिकारी के अनुसार इसका सबसे ज्यादा लाभ सरकारी स्कूलों में तैनात करीब आठ लाख शिक्षकों को मिलेगा। इसके अलावा करीब 30 लाख पैरा-टीचरों को भी होगा। जिन्हें सर्व शिक्षा अभियान और अन्य योजनाओं के तौर पर अस्थाई तौर पर स्कूलों में नियुक्त किया गया है । एनसीटीई ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं । इन आदेशों के अमल में आने के बाद बीएड में प्रवेश के लिए स्नातक उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अर्हता 50 फीसदी अंकों की होगी जबकि पहले से कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए सिर्फ स्नातक होना ही पर्याप्त होगा। दूसरी तरफ खबरें मिली हैं कि एनसीटीई की तरफ से यह आदेश देरी से जारी हुआ है । नतीजा यह है कि कई विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने को है। शिक्षा का अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ही पूर्व में एनसीटीई बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक कक्षाओं में नियुक्त करने की अनुमति दे चुका है(हिंदुस्तान,दिल्ली/पटना,16.9.2010) ।
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