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12 सितंबर 2010

उच्च शिक्षा की बजाय स्कूली पढ़ाई पर ध्यान दें सिब्बल

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षाओं में प्रस्तावित सुधारों की घोषणा के एक दिन बाद दिग्विजय सिंह ने शनिवार को जबलपुर में कहा कि मंत्रालय को उच्च शिक्षा की बजाए स्कूली सिस्टम विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हाल ही में नक्सली मुद्दे पर चिदंबरम को आड़े हाथों लेने वाले दिग्विजय ने कहा, इस वक्त मंत्रालय के लिए यह जरूरत है कि वह उच्च शिक्षा पर जोर देने की जगह स्कूली शिक्षा पर अपना अत्यधिक ध्यान केंद्रित करे। मुझे मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर पूरा भरोसा है कि वे इसे गंभीरता से लेंगे। नक्सलियों के खिलाफ रणनीति पर चिदंबरम को निशाना बनाने के बाद दिग्विजय ने अब सिब्बल की नीतियों पर अंगुली उठाई है। उन्होंने चिदंबरम को बैद्धिक अभिमानी तक की संज्ञा दे डाली थी। इसके अलावा दिग्विजय ने मध्य प्रदेश के किसानों से कहा कि वे अपने क्षेत्रों में प्रदेश के मंत्रियों को न घुसने दें क्योंकि इन मंत्रियों की वजह से ही उन्हें बीज-खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। सिब्बल ने शुक्रवार को सोनिया की मौजूदगी में एजूकेशन बिल पर कहा था कि आईआईटी में सुधार की जो प्रस्तावित योजनाएं हैं उनमें विदेशी छात्रों, अध्यापकों की भर्ती के साथ चिकित्सा शिक्षा और प्रवेश परीक्षा की नई पद्धति शामिल है। यदि लोग कहते हैं कि हम जल्दी में हैं तो मैं साफ करना चाहता हूं कि राजीव जी ने 1985 में कहा था कि यह कुछ माह में हासिल कर लिया जाएगा। इस बयान पर सिब्बल को आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण, १२.९.२०१०)।

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