बिना पेपर दिए छात्रों को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के असली सर्टिफिकेट बेचने के मामले में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मामले की पूरी पारदर्शिता से जांच कर दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निश्चित समयावधि में जांच पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह बात शुक्रवार को ज्वालामुखी में कही। वह यहां मां के दरबार माथा टेकने आए थे। वहीं, पता चला है कि 2006 में ढुगियारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में गलत पता दर्शाकर रोल नंबर जारी होने का मामला सामने आ चुका है। तत्कालीन प्रिंसिपल सतीश धीमान ने बताया कि उस समय पोस्टमैन ने उन्हें एक प्राइवेट परीक्षार्थी का बोर्ड की ओर से जारी रोल नंबर पत्र दिया था। उसमें स्कूल की मोहर के साथ फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।
कमेटी को चार दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड एग्जामिनेशन सिस्टम के रिव्यू के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी को चार दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। इस कमेटी की समीक्षा रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर बोर्ड वर्तमान प्रणाली में आवश्यक बदलाव लाने पर विचार करेगा। इससे भविष्य में ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े को रोका जा सके। वहीं शिक्षा बोर्ड की ओर से पूरी प्रणाली के जल्द कम्प्यूटराइजेशन के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. सीएल गुप्त ने बताया कि शिक्षा बोर्ड की ओर से फुलप्रूफ सिस्टम बनाने और वर्तमान सिस्टम में कमियों के लिए बोर्ड के एडिशनल सेक्रेटरी विधि चंद के नेतृत्व में कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
मास्टर माइंड रिमांड पर
सर्टिफिकेट बेचने के मामले में वीरवार को गिरफ्तार गिरोह के मास्टर माइंड अश्वनी कुमार को कोर्ट में पेश किया गया। उसे न्यायालय ने 14 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है और मामले में आरोपी महिला रचना को जमानत दे दी गई है।
शिक्षक, छात्र हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में एक छात्र और एक महिला शिक्षक को हिरासत में लिया है। स्टूडेंट अंकुश को बोर्ड कार्यालय से बोर्ड प्रशासन की सूचना पर हिरासत में लिया है। वहीं दिव्य ज्योति अकेडमी के की शिक्षक पूजा धीमान के बयान भी लिए गए हैं(दैनिक भास्कर,ज्वालामुखी/धर्मशाला,११.९.२०१० )।
उन्होंने कहा कि मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मामले की पूरी पारदर्शिता से जांच कर दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निश्चित समयावधि में जांच पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह बात शुक्रवार को ज्वालामुखी में कही। वह यहां मां के दरबार माथा टेकने आए थे। वहीं, पता चला है कि 2006 में ढुगियारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में गलत पता दर्शाकर रोल नंबर जारी होने का मामला सामने आ चुका है। तत्कालीन प्रिंसिपल सतीश धीमान ने बताया कि उस समय पोस्टमैन ने उन्हें एक प्राइवेट परीक्षार्थी का बोर्ड की ओर से जारी रोल नंबर पत्र दिया था। उसमें स्कूल की मोहर के साथ फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे।
कमेटी को चार दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड एग्जामिनेशन सिस्टम के रिव्यू के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी को चार दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। इस कमेटी की समीक्षा रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर बोर्ड वर्तमान प्रणाली में आवश्यक बदलाव लाने पर विचार करेगा। इससे भविष्य में ऐसे किसी भी फर्जीवाड़े को रोका जा सके। वहीं शिक्षा बोर्ड की ओर से पूरी प्रणाली के जल्द कम्प्यूटराइजेशन के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन प्रो. सीएल गुप्त ने बताया कि शिक्षा बोर्ड की ओर से फुलप्रूफ सिस्टम बनाने और वर्तमान सिस्टम में कमियों के लिए बोर्ड के एडिशनल सेक्रेटरी विधि चंद के नेतृत्व में कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
मास्टर माइंड रिमांड पर
सर्टिफिकेट बेचने के मामले में वीरवार को गिरफ्तार गिरोह के मास्टर माइंड अश्वनी कुमार को कोर्ट में पेश किया गया। उसे न्यायालय ने 14 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है और मामले में आरोपी महिला रचना को जमानत दे दी गई है।
शिक्षक, छात्र हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में एक छात्र और एक महिला शिक्षक को हिरासत में लिया है। स्टूडेंट अंकुश को बोर्ड कार्यालय से बोर्ड प्रशासन की सूचना पर हिरासत में लिया है। वहीं दिव्य ज्योति अकेडमी के की शिक्षक पूजा धीमान के बयान भी लिए गए हैं(दैनिक भास्कर,ज्वालामुखी/धर्मशाला,११.९.२०१० )।
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