सरकार ने विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को नौ फर्जी विश्वविद्यालयों की फिर से जांच करने का निर्देश दिया है। पहले की जांच में कई खामियां पायी गई थीं। सूत्रों के अनुसार इन विश्वविद्यालयों को लेकर एसआईटी को कहा गया है कि वह इन्हें चलाने वाले व्यक्तियों के बाबत पूरी जानकारी जुटाए । गौरतलब है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 16 अक्टूबर 2007 को फर्जी तरीके से चलाये जा रहे 21 विश्वविद्यालयों की सूची जारी की थी। जिनमें प्रदेश में फर्जी तरीके से चलाये जा रहे नौ विश्वविद्यालय शामिल थे। प्रदेश सरकार ने 25 मार्च 2008 को एसआईटी को नौ फर्जी विश्वविद्यालयों की जांच करने का आदेश दिया। एसआईटी के अफसरों ने प्रतापगढ़, मथुरा, वृन्दावन, नोएडा, अलीगढ़, कानपुर और लखनऊ में खोले गये इन विश्वविद्यालयों की 11 माह तक जांच की और फरवरी 2009 में जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी। शासन को बताया गया कि यूजीसी ने जिन नौ फर्जी विश्वविद्यालयों का उल्लेख किया गया, उनमें छह का कोई सुराग नहीं मिला। जबकि फर्जी बताये गये दो विश्वविद्यालयों के प्रबंधतंत्र ने कोर्ट की शरण ली है। गुरुकुल विश्वविद्यालय वृन्दावन के प्रबंधन ने संस्थान के नाम से विश्वविद्यालय हटा लिया है। इसी वजह से यूजीसी ने फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची से इस संस्थान का नाम हटाने पर सशर्त सहमति दे दी। जांच के बाद एसआईटी ने शासन से अनुरोध किया था कि फर्जी विश्वविद्यालय चलाने वाले जिन लोगों ने न्यायालय से स्थगन आदेश ले रखा है, उन पर शिकंजा कसा जा सके(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.9.2010)।
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