दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलपति को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को शिक्षक एक बार फिर स़ड़क पर उतरे। भारी बारिश के बीच जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और बाद में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा।
तय कार्यक्रम के मुताबिक करीब दो सौ से भी अधिक शिक्षक ११ बजे जंतर मंतर पर पहुंचे। वहां भारी बारिश के बीच हाथों में छतरी और बैनर तख्ती लेकर कुलपति प्रो दीपक पेंटल के खिलाफ नारेबाजी की। इस मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने पर विजिटर यानी भारत के राष्ट्रपति और मानव संसाधन विकास मंत्री के खिलाफ भी नारे लगाए। डूटा अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि कुलपति का कार्यकाल ३१ अगस्त को ही खत्म हो गया है। इसके बाद भी वे अपने कार्यालय में आ रहे हैं जो कि गैर कानूनी है। अबतक किसी कुलपति ने अपने कार्यकाल की सीमा का उल्लंघन नहीं किया है। शिक्षकों का कहना है कि कुलपति को कार्यकाल के बाद तभी टिके रहने का हक है जब इसके लिए विजिटर या सरकारी लिखित अनुमति दे। लेकिन प्रो पेंटल को सरकार ने ऐसी कोई अनुमति लिखित तौर पर नहीं दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने राष्ट्रपति से यह भी मांग की है कि मौजूदा कुलपति को हटाकर उनके खिलाफ अनियमितता के आरोपों की जांच कराए। प्रो पेंटल ने अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय के कायदे कानून को तो़ड़कर सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह गैर कानूनी है। उन्होंने कोबाल्ट ६० मामले में भी लापरवाही भरा कदम उठाया है। इस मामले में भी उनके खिलाफ मामला दर्ज करके जांच होनी चाहिए। इसके अलावा उनपर अनियमितता के लगे कई आरोपों की भी जांच हो। सेमेस्टर के मुद्दे पर छात्रों की राय लेने के लिए अगले दो दिनों शिक्षक एक विचार विमर्श का भी सत्र आयोजित करेगा। यह बैठक उतरी परिसर में होगा। इसके बाद १७ सितम्बर को आगे की कार्रवाई के लिए शिक्षकों की आमसभा की बैठक भी होगी (नई दुनिया,दिल्ली,14.9.2010)।
बढ़िया प्रस्तुति .... आभार
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की शुभ कामनाएं
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(आप कभी सोचा है कि यंत्र क्या होता है ..... ?)
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