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14 सितंबर 2010

हिंदी कंप्यूटरीकरण की राह होगी आसान

हिंदी में कंप्यूटर का उपयोग करने वालों की ब़ढ़ती संख्या और संभावित ग्रामीण बाजार को देखते हुए विश्व की तमाम ब़ड़ी कंपनियां तेजी से इस बाजार पर अपना कब्जा करने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। दुनिया के अन्य देशों में अब कोई विशेष मांग और इतना ब़ड़ा बाजार न होने से इन सभी कंपनियों की आशा भारतीय बाजार से ही है।

हिंदी कंप्यूटरीकरण को यथासंभव आसान बनाने की दिशा में कई शोध कार्य चल रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, गूगल आदि कंपनियों ने भारत में भारतीय भाषाओं के विशेष सॉफ्टवेयर बनाने के लिए पूरी की पूरी शोध इकाइयां स्थापित की हैं जिनमें हजारों इंजीनियर कार्य कर रहे हैं।

हिंदी कंप्यूटरीकरण को आसान बनाने की दिशा में बन रहे उपकरणों में सबसे पहला नाम वाक से पाठ और पाठ से वाक उपकरणों का आता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो आपकी आवाज को कंप्यूटर पर अक्षरों में बदल देता है, आपको कीबोर्ड पर टाइप करने की आवश्यकता नहीं। इसी तरह यह उपकरण आपको कंप्यूटर पर हिंदी में लिखे पाठ को प़ढ़कर भी सुनाता है।

एक अन्य उपकरण जिसपर कई कंपनियां शोध कर रही हैं वह है ओसीआर यानी ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन। इस उपकरण की मदद से आप किसी छपे हुए कागज या चित्र के पाठ को डिजिटल स्वरूप वाले पाठ में कनवर्ट कर सकते हैं। यह उपकरण विशेष रूप से पुरानी पुस्तकों के डिजिटलीकरण में विशेष रूप से उपयोगी है जो कंप्यूटर प्रिंटिंग में आने से पहले या हाथ से लिखी गई थीं। इस प्रकार के उपकरण की मदद से इन्हें संरक्षित किया जा सकता है और पूरी दुनिया के उपयोग में आसानी से आ सकने वाले स्वरूप में बदला जा सकता है।

अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए भी कई उपकरणों पर कार्य चल रहा है। यह उपकरण इस दृष्टि से बहुत उपयोगी है कि वेब पर अधिकांश सूचना अंग्रेजी में उपलब्ध है और इस तरह के उपकरण की मदद से इस सामग्री को आसानी से हिंदी पाठकों के समझने योग्य बनाया जा सकता है। गूगल की इंडिक रिसर्च लैब ने इस तरह का एक उपकरण पेश भी कर दिया है।

यह अभी बहुत सटीक परिणाम नहीं देता लेकिन भविष्य में हम इसके बेहतर कार्य करने की अपेक्षा कर सकते हैं। इसपर आप कोई टाइप किया हुआ पाठ या सीधे कोई यूआरएल डाल सकते हैं जिसे यह ठीक उसी स्वरूप में हिंदी में बदल देता है।

हिंदी वर्तनी परीक्षकों और थिसॉरस पर भी जमकर कार्य हो रहा है ताकि स्वचालित वर्तनी परीक्षण और भाषा के बेहतरीकरण को संभव बनाया जा सके।

इस तरह के उपकरणों से आप केवल एक क्लिक से किसी शब्द की सही वर्तनी, उसका अंग्रेजी शब्द, समानार्थी और विरुद्धार्थी पता कर सकते हैं। इसी तरह हिंदी के वाक्यों की स्वचालित व्याकरण जांच को भी संभव बनाने के लिए कई प्रयास जारी हैं। इसी तरह खोज इंजिन हिंदी में लिखे पाठ को वेब पर खोज सकने वाले बेहतर से बेहतर तरीके खोज रहे हैं(जितेन्द्र जायसवाल,नई दुनिया,दिल्ली,14.9.2010)।

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