रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून.. आज आम इंसान को पानी की कीमत का अंदाजा हो या न हो, लेकिन चार-पांच सौ साल पहले रहीम ने अपने दोहे के माध्यम से जो यह अनमोल बात कही है, उसे हम सबको आज के संदर्भ में बहुत अच्छे से समझने की जरूरत है। जनसंख्या विस्फोट की वजह से आज औद्योगिकीकरण और शहरीकरण में तो बढ़त हो ही रही है, खाद्य पदार्थों और जल की मांग भी लगातार बढ़ रही है और हालात यह है कि एक तरफ तो नदियों में बाढ़ आ रही है और दूसरी तरफ भूमि का जलस्तर लगातार घट रहा है। यह कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले पचास-सौ सालों में लोग भूमिगत जल के लिए तरस जाएं और जलापूर्ति के लिए इंसान को भी नदियों/पोखरों का सहारा लेना पड़े। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार-‘पृथ्वी का जलस्तर औसतन तीन से चार फुट प्रतिवर्ष गिर रहा है।’ ऐसे में इस सबसे बचने के लिए वर्षा जल संचयन यानी रेन वॉटर हारवेस्टिंग धन संचय जैसा है। दिल्ली जैसे शहर में जहां लगभग दस ग्यारह महीने पानी की किल्लत रहती है, वहीं जरा-सी बारिश होने पर जल भराव, ट्रैफिक जाम, सड़क धंसने जैसी तमाम किल्लतें खड़ी हो जाती हैं। बेशक आज सरकार वर्षा जल संचयन के नाम पर विज्ञापन में करोड़ों रुपये खर्च कर रही हो, लेकिन इसके लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने तथा उन्हें बारिश के जल को स्टोर करने के तौर-तरीके सिखाने का काम आप कर सकते हैं। इससे आप अपना भविष्य तो संवार ही सकते हैं, साथ ही समाज को जल ही जीवन है की सोच भी दे सकते हैं और लोगों को जल की किल्लत से बचा कर भविष्य में आने वाली कठिनाइओं से बचा सकते हैं। इसके लिए इग्नू द्वारा सर्टिफिकेट इन वॉटर हारवेस्टिंग एंड मैनेजमेंट यानी सीडब्ल्यूएचएम नाम का छह महीने का कोर्स करवाया जाता है। अनेक प्राइवेट संस्थान भी वर्षा जल संचयन के कोर्स करवाते हैं, जिनमें से सेन्टर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट भी एक है। आप कैसे इस क्षेत्र में काम कर सकते हैं, इसके लिए यहां इग्नू में करवाए जाने वाले कोर्स की जानकारी दी जा रही है। योग्यता इग्नू से वर्षा जल संचयन और प्रबंधन का सर्टिफिकेट कोर्स को करने के लिए कम से कम दसवीं पास होना आवश्यक है। यदि किसी ने इग्नू से बीपीपी कोर्स किया है तो भी अभ्यर्थी इस कोर्स को कर सकता है। आवेदन कैसे करें इच्छुक अभ्यर्थी अपने नजदीकी इग्नू संस्थान में जाकर सौ रुपये का प्रॉस्पेक्टस यानी विवरणिका लेकर उसमें दिए गए फार्म को पूर्णतया भर कर आवश्यक दस्तावेजों तथा शुल्क के साथ जमा करा सकते हैं। समयावधि सीडब्ल्यूएचएम कोर्स की अवधि छह माह है, लेकिन अभ्यर्थी इसे अधिक से अधिक दो वर्ष में पूरा कर सकता है। माध्यम इग्नू में इस कोर्स के हिन्दी व अंग्रेजी, दोनों ही माध्यम मौजूद हैं। अभ्यर्थी अपनी सुविधा के अनुसार भाषा का चुनाव कर सकता है। अवसर इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थी सरकारी/गैर सरकारी, दोनों प्रकार की नौकरी के लिए योग्य हो जाता है। वह भू-संपत्ति, मृदा संरक्षण, भू-जल बोर्ड, शहरी आवास बोर्ड, मौसम विभाग आदि में आवेदन कर सकता है। इसके साथ अपना स्वयं का इंस्टीटय़ूट खोल कर भी लोगों को शिक्षा दे सकता है। छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ विकलांग/ शहीद आश्रित/ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए छात्रवृत्ति सुविधा उपलब्ध है। पात्र विद्यार्थी अपने नजदीकी समाज कल्याण कार्यालय अथवा अधिकारी से आवेदन पत्र लेकर भर सकते हैं। संपर्क अधिक जानकारी और प्रवेश के लिए आप निम्न पतों पर संपर्क कर सकते हैं: वेबसाइट (पंडित प्रेम बरेलवी,हिंदुस्तान,दिल्ली,7.9.2010)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली-1100068
गांधी स्मृति और दर्शन समिति, राजघाट, नई दिल्ली-110001
www.ignou.ac.in
www.ignourcd2.ac.in
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14 सितंबर 2010
जल संचय से धन संचय
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जवाब देंहटाएंमैं दुनिया की सब भाषाओं की इज़्ज़त करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज़्ज़त न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे
भारतेंदु और द्विवेदी ने हिन्दी की जड़ें पताल तक पहुँचा दी हैं। उन्हें उखाड़ने का दुस्साहस निश्चय ही भूकंप समान होगा। - शिवपूजन सहाय
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