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04 सितंबर 2010

झारखंडःहड़ताली पारा शिक्षकों को हटाने का आदेश

राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों की हड़ताल अवैध घोषित कर दी है. शिक्षा सचिव मृदुला सिन्हा ने सभी जिलों के उपाउक्तों को लगातार अनुपस्थित रहनेवाले पारा शिक्षकों को हटाने का आदेश दिया है. इनकी जगह किसी दूसरे योग्य व्यक्ति को पारा शिक्षक के रुप में नयुक्ति करने को कहा है. कुछ दिनों तक अनुपस्थित रहनेवाले पारा शिक्षकों का इस अवधि का पारिश्रमिक काटने का निर्देश दिया है.

पठन-पाठन या मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में किसी भी तरह का व्यवधान उत्पन्न करने पर संबंधित पारा शिक्षक, पारा शिक्षकों के समूह या पारा शिक्षक संघ पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
हड़ताली पारा शिक्षकों .. श्रीमती सिन्हा ने उपाउक्तों को ग्राम शिक्षा समितियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी हाल में मध्या: भोजन योजना बाधित नहीं हो.

पठन-पाठन में व्यवधान गैर कानूनी : शिक्षा सचिव ने विद्यालयों में नियमित प से पठन-पाठन और मध्या: भोजन योजना के क्रियान्वयन में किसी भी तरह का व्यवधान डालनेवाले पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उपाउक्तों को भेजे गये पत्र में श्रीमती सिन्हा ने कहा है निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के लागू होने के बाद किसी भी स्थिति में बच्चों के पठन-पाठन में व्यवधान उत्पन्न करना सर्वथा गैर कानूनी है.

इसी तरह मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन को भी किसी प्रकार से बाधित करना पूर्णत अनुचित है.होगी वैकल्पिक व्यवस्था- शिक्षा विभाग की ओर से सभी उपाउक्तों को वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश- वैसे सभी विद्यालय, जहां केवल पारा शिक्षक कार्य कर रहे हों, में आसपास के विद्यालयों के शिक्षकों की प्रतिनयुक्ति करने का निर्देश- प्रखंड संसाधन सेवियों (बीआरपी) व संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) की सेवाएं ली जायेंगी- उच्च विद्यालयों में अभी पदस्थापित किये गये 1600 विषयवार शिक्षकों की संख्या के बराबर वहां पूर्व में प्रतिनियु प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की प्रतिनयुक्ति समाप्त कर दी जायेगी.

इन शिक्षकों को वैसे विद्यालयों में प्रतिनयुक्ति किया जायेगा, जहां केवल पारा शिक्षक काम कर रहे हों या जिन विद्यालयों में पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण पठन-पाठन बाधित हो रहा हो.ग्राम शिक्षा समितियों व सरस्वती वाहिनी पर जिम्मेदारी- पठन-पाठन और मध्या: भोजन योजना सुचारु प से चलाने के लिए ग्राम शिक्षा समितियों और सरस्वती वाहिनी को जिम्मा सौंपा गया है- सभी ग्राम शिक्षा समितियों को विद्यालयों के नियमित प से खुलवाने और पठन-पाठन कार्य कराने का निर्देश दिया गया है(प्रभात खबर डॉट कॉम,4.9.2010).

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