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04 सितंबर 2010

उदयपुरःजनजाति छात्र कॉलेज आवंटन नहीं होने से हैं आक्रोशित

उदयपुर संभाग के आदिवासी छात्र राज्य सरकार की वायदा खिलाफी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते एक बार पुन: आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर हो गए है। राज्य सरकार द्वारा पीटीईटी के मामले में गत वर्ष दिए आश्वासनों को पूरा नहीं किए जाने के कारण जनजाति छात्रों में काफी आक्रोश व्याप्त है। छात्रों ने इस बार आंदोलन उदयपुर में ही करने का निर्णय लिया है जो कि एक या दो दिन में शुरू होगा।

गौरतलब है कि गत वर्ष आदिवासी क्षेत्र के करीब २ हजार छात्रों को काउंसलिंग के बाद भी कॉलेज आंवटित नहीं हुए थे जिस पर आदिवासी छात्रों ने आंदोलन किया था। इस दौरान जनजाति छात्रों ने हाईवे जाम करने, महापड़ाव सहित कई तरह की रणनीति अपनाई थी। कई दिनों तक डूंगरपुर में चले इस पड़ाव के बाद मौके पर गए विधायकों, सांसदों तथा जनप्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की ओर से २०१० में प्रथम कांउसलिंग में ही जनजाति छात्रों को प्राथमिकता देते हुए कॉलेज आंवटन करने का वायदा किया था। राज्य सरकार की ओर से आश्वासन मिलने के बाद छात्रों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया तथा छात्र २०१० का इंतजार करने लगे थे।

परन्तु इस वर्ष भी राज्य सरकार की ओर से पीटीईटी की अंतिम कांउसलिंग भी ३० अगस्त को पूरी हो गई है। परन्तु अभी तक जनजाति छात्रों को कॉलेज आंवटन नहीं हुए है। इस पर छात्रों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया है। संभागीय अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संघर्ष मोर्चा की ओर से इसी मामले को लेकर शुक्रवार को सुखाडिय़ा समाधि स्थल पर एक बैठक का आयोजन किया गया। संभागीय अध्यक्ष मानसिंह निनामा ने बताया कि गत वर्ष राज्य सरकार के आवश्वासन के बाद भी इन छात्रों को अभी तक कॉलेज आंवटित नहीं किया गया है जिससे २००० छात्रों के साथ धोखाधड़ी हुई है। निनामा ने बताया कि इस बारे में उन्होंने कई बार राज्य सरकार के अधिकारियों से भी वार्ता भी की है परन्तु अधिकारी भी इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे है।

बैठक में आए डूंगरपुर के अध्यक्ष विक्रम कटारा ने कहा कि पिछले कई समय से राज्य सरकार की वायदा खिलाफी के कारण छात्र काफी परेशान है। छात्रों ने गत वर्ष फीस भी जमा करवा दी थी। परन्तु राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष डूंगरपुर में आंदोलन किया था। परन्तु इस बार राज्य सरकार को जगाने के लिए आंदोलन उदयपुर में ही किया जाएगा। यदि फिर भी राज्य सरकार नहीं जागती है तो छात्र उदयपुर में जगह-जगह पर जाम लगाएंगे। बैठक में बांसवाड़ा रमेश मीणा तथा प्रतापगढ़ अध्यक्ष कुलदीप कटारा सहित दर्जनों की संख्या में छात्र उपस्थित थे।

विधानसभा में भी क्षेत्रीय विधायक चुप रहे

उदयपुर। मानसिंह निनामा ने बताया कि गत वर्ष कई विधायक उनके आंदोलन के दौरान धरनास्थल पर समझाने के लिए आए थे। परन्तु इस बार वे विधायक विधानसभा में एक भी बार जनजाति छात्रों के लिए प्रश्न नहीं उठा सके। जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि क्षेत्रिय विधायक केवल वोटों की ही राजनीति करते है।

राज्य सरकार जनजाति छात्रों के लिए कार्यवाही नहीं कर रही है। इस बार उदयपुर में ही उग्र आंदोलन किया जाएगा तथा कॉलेज आंवटित करवा कर ही आंदोलन को समाप्त किया जाएगा।

-मानसिंह निनामा संभागीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति

जनजाति संघर्ष मोर्चा(प्रातःकाल डॉट कॉम,4.9.2010)

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