राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में कल हुए छात्र संघ चुनाव में, निर्दलीय उम्मीदवारों ने भारी उलटफेर करते हुए मजबूत माने जाने वाले छात्र संगठनों को धूल चटा दी। 756 कॉलेजों में हुए चुनाव में से 212 महाविद्यालयों में उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
शेष 544 में से 233 कालेजों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विद्यापीठ संग्राम परिषद, एनएसयूआई तथा रविकां के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि 311 कालेजों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांटे की टक्कर में जीत दर्ज की है। इसमें से कामठी स्थित सेठ केसरीमल पोरवाल कॉलेज सहित संभाग के तीन अन्य कॉलेज में उम्मीदवार की जीत का फैसला ईश्वर चिट्ठी से किया गया।
पोरवाल कॉलेज में निर्दलीय उम्मीदवार ने एनएसयूआई के प्रत्याशी को हराया। इस कॉलेज में निर्दलीय उम्मीदवार के जीतने के पीछे एनएसयूआई में चुनाव के दौरान पड़ी फूट मुख्य कारण रही। हालांकि अभी विवि विद्यार्थी कल्याण निदेशक कार्यालय की ओर से चुनाव परिणामों की अधिकृत घोषणा नहीं कि गई है।
विद्यार्थी कल्याण निदेशक डा. अश्विन चंदेल ने कहा कि अभी हमें कॉलेजों की ओर से नतीजों की जानकारी नहीं मिली है। संभवत: शनिवार तक पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इतने बड़े पैमाने पर मिली हार के बाद शुक्रवार को दिन भर छात्र संगठनों के खेमे में उत्साह का माहौल नदारद नजर आया।
इस हार पर संगठनों के नेताओं ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कई कॉलेजों में हमने सीधे चुनाव लड़ने की बजाय स्थानीय उम्मीदवार को समर्थन दिया था। एबीवीपी के विद्यापीठ शाखा प्रमुख पंकज तपासे ने कहा कि इस चुनाव में हमने रोटेशन वाले कॉलेजों पर अधिक ध्यान दिया था।
रोटेशन वाले कॉलेजों को छोड़ शहर के वीएमवी, सीपी एंड बेरार व धरमपेठ साइंस कॉलेजों के साथ ही संभाग के 70 कॉलेजों पर विशेष ध्यान दिया था। हमें इन कॉलेजों में जीत हासिल हुई है, जबकि संग्राम परिषद के अध्यक्ष मनमोहन बाजपेयी ने कहा कि परिषद को 55 कॉलेजों में जीत दर्ज की है।
इसका यह अर्थ नहीं है कि शेष कॉलेजों में हमें हार का मुंह देखना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कई कॉलेजों में हमने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव जगदीश पंचबुद्धे ने दावा किया कि संगठन को 70 नहीं बल्कि 252 कॉलेजों में जीत हासिल हुई है।
उधर महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के विद्यापीठ प्रमुख मंगेश डुके ने भी भंडारा, गोंदिया और वर्धा में संगठन को भारी जीत मिलने का दावा किया है।
रोटेशन कॉलेज को लेकर सभी ने पेश किया दावा :
छात्र संघ चुनाव के बाद रोटेशन वाले कॉलेजों में विजयी उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने के तुंरत बाद से ही उम्मीदवार को लेकर संगठनों में विवाद छिड़ गया है। शिंदे महिला महाविद्यालय काटोल, राजीव गांधी महाविद्यालय सड़क अजरुनी जिला गोंदिया, प्रियदर्शनी महाविद्यालय वर्धा, शिवाजी महाविद्यालय राजुरा जिला चंद्रपुर, भगवंतराव शिक्षण महाविद्यालय अहेरी जिला गड़चिरोली व ईश्वरराव देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय नागपुर में विजयी प्रत्याशियों को सभी छात्र संगठन अपना उम्मीदवार बता रहे हैं।
राविकां व संग्राम परिषद के बाद मनविसे के बाद एबीवीपी ने इन कॉलेजों में चुने गए छात्र प्रतिनिधियों को अपने संगठन का निष्ठावान कार्यकर्ता तक साबित कर दिया है। हालांकि अभी विवि की ओर से रोटेशन में शामिल कॉलेजों की सूची को अंतिम रूप मिलना बाकी है।
संगठनों से उठा विद्यार्थियों का विश्वास :
महाविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जिस तरह से छात्र संगठनों को निराशा झेलनी पड़ी है उससे यह साबित होता है कि विद्यार्थियों के मन में इन्हें लेकर विश्वास कम हुआ है। इसके कई कारण हैं। पहला तो यह कि पिछले दो वर्षो में कोई भी संगठन विद्यार्थियों की समस्या को हल करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।
दूसरा यह कि छात्र संघ चुनाव के बाद किसी भी संगठन की ओर से विद्यार्थियों की पूछ परख नहीं की गई है। संगठनों के इस रवैये को देखते हुए कॉलेजों के विद्यार्थियों ने अपना संगठन बनाते हुए खुद ही उम्मीदवार खड़ा किया।
छात्राओं ने निभाई प्रमुख भूमिका
महाविद्यालय छात्र संघ चुनाव में खास बात यह नजर आई कि चुनाव को लेकर छात्राओं ने खासी दिलचस्पी दिखायी। न केवल उन्होंने उम्मीदवार को जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि उनकी जीत पर जमकर जश्न मनाया। विवि के डा. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के आलाव शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कालेज में छात्राओं ने चुनाव में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
कहां किससे कितने उम्मीदवार
संगठन उम्मीदवार समर्थित जीते
एबीवीपी 250 110 70
विवि संग्राम परिषद 125 160 55
राविकां 250 119 70
एनएसयूआई 140 90 38
(आंकड़े संगठनों की ओर से मिली जानकारी के आधार पर हैं। विवि की ओर से अभी कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है।)
(दैनिक भास्कर,नागपुर,18.9.2010)
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