बी.एड में प्रवेश के दौरान निर्धारित से अतिरिक्त फीस वसूलने पर पुलिस ने 24 छात्राओं की शिकायत पर गिन्नी देवी मोदी इंस्टीट्यूट आफ एजूकेशन के दो प्रबंधकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। संस्थान के वरिष्ठ प्रबंधक कैप्टन राजीव सक्सेना का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर संस्थान फीस वसूल रहा है। संस्थान में बी.एड. में प्रवेश लेने वाली छात्राएं 12 अगस्त से आए दिन तहसील मुख्यालय पर अतिरिक्त फीस मांगने के मामले को लेकर प्रदर्शन व अधिकारियों का घेराव करती आ रही थी। शनिवार को मोदीनगर थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में गोयल पुरी निवासी नीलम शर्मा पत्नी दर्शन शर्मा की ओर से कहा गया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से काउंसिलिंग के बाद प्रदेश के लिए उन्हें गिन्नी देवी मोदी इंस्टीट्यूट आवंटित हुआ है और 24 छात्राएं लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए निर्धारित फीस 30,359 रुपये जमा भी कर चुकी हैं। लेकिन कालेज के प्रबंधक उनसे 32,361 रुपये अतिरिक्त फीस मांग रहे हैं तथा अतिरिक्त फीस न देने पर उन्हें प्रवेश से मना कर दिया। आरोप है कि कालेज के प्रबंधक एके जैन व एस.के. जैन ने उनसे अभद्र व्यवहार भी किया तथा कालेज से बाहर निकाल दिया। पुलिस ने यह मामला धारा 383, 504 के तहत दर्ज किया है। रिपोर्ट में शिकायत करने वाली नीलम शर्मा के साथ स्वाति दीक्षित, अंजू रानी, स्वाति चौहान, रिंकल वर्मा, सोनिया वर्मा व अपूर्णा सिंघल सहित 24 छात्राओं के नाम दर्शाए गए हैं। बता दें कि उपजिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने छात्राओं की शिकायत पर दो नायब तहसीलदारों से इस मामले में जांच कराई थी और जांच के बाद एसडीएम तथा सीओ वीरसिंह की संस्तुति पर शनिवार को रिपोर्ट दर्ज हुई। उधर इस संबंध में डा. के.एन. मोदी फाउंडेशन के वाइस प्रेसीडेंट कैप्टन राजीव सक्सेना से बात की गई तो उनका कहना है कि बीएड के लिए प्रवेश प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत की जा रही है और छात्राओं का अभद्रता का आरोप निराधार है। न्यायालय के आदेश की प्रति भी उपजिलाधिकारी को दी जा चुकी है(दैनिक जागरण,मोदीनगर,5.9.2010)।
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