इस साल फरवरी में रेलवे भर्ती बोर्ड में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आने के बाद सीबीआई को एक और बड़े घोटाले की भनक लगी है। एक टीवी चैनल की ओर से किए गए दावे के मुताबिक सीबीआई ने रेलवे में ग्रुप डी के कर्मचारियों की भर्ती में धांधली की आशंका जताई है।
गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड में घोटाले की खबरों के आने के बाद, कुछ दिनों पहले इस विभाग में नई भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। इस घोटाले में सीबीआई ने मुंबई रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
चैनल ने दावा किया है कि सीबीआई के डायरेक्टर अश्विनी कुमार ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विवेक सहाय को पत्र भेजकर इस मामले की जांच की मंजूरी मांगी है। पत्र के मुताबिक पश्चिम मध्य रेलवे के तत्कालीन जनरल मैनेजर वी के मांगलिक और एक अन्य अधिकारी के कार्यकाल में हुई भर्तियों की जांच की इजाजत मांगी है।
सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अप्रैल 2008 और जून 2009 के बीच ग्रुप डी के तहत 370 लोगों की भर्तियां की।
आरोप है कि संबंधित रेलवे बोर्ड ने भर्ती नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया। इन भर्तियों के लिए न तो कोई विज्ञापन निकाले गए और न ही कोई परीक्षा आयोजित की गई। जांच एजेंसी को आशंका है कि संदेह के घेरे में अधिकारियों ने उम्मीदवारों से सीधे तौर पर संपर्क किया होगा।
इसके अलावा, सीबीआई के शक के घेरे में उत्तर सीमांत रेलवे के दो पूर्व जनरल मैनेजर भी आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड के पूर्व जनरल मैनेजर ए के सांवलका ने 2007 में रिटायर होने से दो दिन पहले कई नियुक्तियां कीं। इस अधिकारी के रिटायर होने के बाद इनके पद पर आए आशुतोष स्वामी पर भी ग्रुप डी के तहत 40 लोगों की नियमों के खिलाफ भर्ती करने के आरोप हैं। कहा गया है कि इन पदों पर आवेदन के लिए सिर्फ सौ आवेदन मंगाए गए(भास्कर डॉट कॉम,दिल्ली,4.9.2010)।
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