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17 सितंबर 2010

राजस्थान में महिला पॉलीटेक्निक की शिक्षकों को मिलता है कम वेतन

राजस्थान के पॉलीटेक्निक कॉलेजों में प्रवक्ता (शिक्षक) के लिए अलग-अलग मापदण्ड होने का खामियाजा महिला पॉलीटेक्निक के प्रवक्ता भुगत रहे हैं। पुरूष पॉलीटेक्निक के प्रवक्ताओं को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का वेतनमान मिल रहा है। जबकि महिला पॉलीटेक्निक के प्रवक्ताओं को 14 साल बाद इस वेतनमान से दूर कर दिया गया है। दोनों वेतनमानों में करीब 35 हजार रूपए का अंतर है। 14 वर्ष की सेवा पूरी करने पर महिला पॉलीटेक्निक के प्रवक्ता को 45 हजार रूपए प्रतिमाह, वहीं पुरूष पॉलीटेक्निक के प्रवक्ता को 80 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। दोनों कॉलेजों के विषय एआईसीटीई से अनुमोदित हैं। राज्य में 8 महिला कॉलेजों में 250 व 19 पुरूष कॉलेजों में 590 प्रवक्ता कार्यरत हैं।

यह है फांस
13 जनवरी 1999 में राज्य के चौथे वेतन आयोग से प्रवक्ताओं को एआईसीटीई के चौथे वेतनमान में परिवर्तित किया गया। 30 दिसम्बर 1999 को एआईसीटीई ने पांचवें वेतनमान की घोषणा की। 25 अक्टूबर 2001 को राज्य के वित्त विभाग ने महिला पॉलीटेक्निक सहित सभी प्रवक्ताओं को वर्ष 1996 से नया वेतनमान दे दिया। इसके बाद अगला वेतनमान लेने के लिए सेवा नियम लागू करने की जरूरत पडी तो जनवरी 2010 में महिला पॉलीटेक्निक को इंजीनियरिंग पॉलीटेक्निक से अलग कर नॉन इंजीनियरिंग पॉलीटेक्निक करार दे दिया गया। जिसका कारण यहां के प्रवक्ताओं का एआईसीटीई के मापदण्डों के अनुरूप योग्य नहीं होना बताया गया। इसी के आधार पर 5 मार्च 2010 को राज्य के वित्त विभाग ने महिला पॉलीटेक्निक के प्रवक्ताओं को छठे वेतनमान का लाभ तो दे दिया, जिसमें एआईसीटीई की सिफारिशें शामिल नहीं की गर्ई।

ऎसे बना नियम
महिला पॉलीटेक्निक में प्रवक्ता पद के लिए संबंधित विषय में डिप्लोमा, किसी भी विषय में स्नातक व दो साल का अनुभव होना चाहिए। वर्ष 1989 में महिला पॉलीटेक्निक कॉलेजों के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में केवल डिप्लोमाधारियों को भी प्रवक्ता के लिए पात्र मान लिया गया। यह परिवर्तन बाद में नियम बन गया। वहीं पुरूष पॉलीटेक्निक में किसी भी विषय में स्नातक आवेदन कर सकता है।

छठे वेतनमान का लाभ तो दिया जा रहा है, लेकिन एआईसीटीई की सिफारिशों के अनुसार नहीं दे सकते, क्योंकि ये रूल्स में नहीं हैं। नॉन इंजीनियरिंग के रूल्स के कारण यह वेतनमान नहीं दिया जा सकता।
- एस.के.श्रीमाली, उपसचिव, तकनीकी शिक्षा(राजस्थान पत्रिका,कोटा,17.9.2010)

1 टिप्पणी:

  1. यह तो सरासर अन्याय है...
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    'शब्द-शिखर' : एक वृक्ष देता है 15.70 लाख के बराबर सम्पदा.

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