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20 सितंबर 2010

हेल्थकेयर में सबसे ज्यादा नौकरियां मिलीं

मॉ फोई रैंडस्टेड एंप्लॉयमेंट ट्रेंड्स सर्वे के ताजा परिणामों से पता चला है कि भारत के संगठित क्षेत्र में जुलाई से सितंबर २०१० के बीच लगभग ३,२०,४०० नौकरियां सृजित हुई हैं। सभी क्षेत्रों और सेवा क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य में उत्पन्न आशावादिता ने देश में अधिकांश नए रोजमर्रा को जन्म दिया है। ८ भारतीय शहरों में १३ उद्योग क्षेत्रों में ६५० कंपनियों के बीच यह सर्वे किया गया। उच्च प्रबंधन तथा वरिष्ठ मानव संसाधन कार्मिकों से पिछली तिमाही की तुलना में वर्तमान तिमाही में उनकी भर्ती नीतियों के संदर्भ में और पूरे वर्ष के बारे में उनके दृष्टिकोण के विषय में पूछा गया। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जनवरी से जून २०१० के बीच ४,१८,५६४ नौकरियों का सृजन हुआ जिनमें से १,२१,००० नौकरियां केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में और इसके बाद लगभग ६३,००० नौकरियां हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र में सृजित हुईं। इस वृद्धि की अगुवाई करने वाले पांच प्रमुख क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, हॉस्पिटेलिटी, रीयल एस्टेट व विनिर्माण, आईटी तथा आईटीईएस और एजूकेशन, ट्रेनिंग व कंसलटेशन शामिल रहे हैं।

नई दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में सबसे ज्यादा तादाद में १,१२,९८७ नौकरियां जनवरी से सितंबर २०१० की अवधि में सृजित हुईं। कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में इसी अवधि में लगभग ३०,००० से अधिक नौकरियां सृजित हुईं।

कुछ प्रमुख बिंदु

१. रीयल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में सर्वाधिक संख्या में लोगों को नियुक्त किया गया, वर्ष की तीसरी तिमाही में इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों की अपेक्षित औसत आय में ४ प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके बाद फार्मा (३.५ प्रतिशत) और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र (३.४ प्रतिशत) का नंबर आता है।

२. तीसरी तिमाही के दौरान शहरों के संदर्भ में, बेंगलुरु में अपेक्षित वेतन में ४.९ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद दिल्ली (३.५ फीसदी) और फिर पुणे (३.५ फीसदी) का नंबर है।

३. फार्मा सेक्टर में अनुभवी श्रमिकशक्ति का अनुमानित अनुपात अधिक है जो ८७ फीसदी है और स्वास्थ्यसेवा क्षेत्र में ३८ फीसदी श्रमिकशक्ति के नया होने का अनुमान है।

४. कोलकाता में अनुभवी श्रमिकशक्ति का सर्वोच्च अनुमानित प्रतिशत (८२ फीसदी) और नई दिल्ली में नए लोगों का सर्वोच्च अनुमानित प्रतिशत (३५ फीसदी) है।

भारतीय नौकरी बाजार परिदृश्य के विषय में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, रैंडस्टेड होल्डिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा कार्यकारी बोर्ड के चेयरमैन बेन नोटबूम ने कहा कि पूरे विश्व की अनेक अर्थव्यवस्थाओं में हम सकारात्मक रुख देख रहे हैं। जैसे अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, एशिया पैसेफिक और यूरोप के कुछ भाग, जहां स्पष्ट रूप से वृद्धि हो रही है। मुझे उम्मीद है कि भारत अपनी घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था के स्थायीकरण के फलस्वरूप अपनी आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को जारी रखेगा।

मॉ फोई रैंडस्टेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. पांड्या राजन ने कहा कि सभी क्षेत्रों में नियुक्तियों के प्रति बढ़ते रुझान का स्पष्ट प्रभाव हम देख रहे हैं। हमारे विचार में स्वास्थ्य सेवा और हॉस्पिटेलिटी जैसे सेवा क्षेत्र इस तेजी की अगुवाई करते हुए काफी संख्या में नौकरियां सृजित कर रहे हैं। सुदृढ़ होती अर्थव्यवस्था के कारण रीयल एस्टेट तथा कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में उछाल है जिसने अन्य दोनों क्षेत्रों के साथ मिलकर पर्याप्त रोजगार सृजन किए हैं। हमें आशा है कि यह रुझान अलगी तिमाही में भी बना रहेगा(मेट्रो रंग,नई दुनिया,दिल्ली,20.9.2010)

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