मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

20 सितंबर 2010

यूपीःमाध्यमिक शिक्षा परिषद् में चहेतों के लिए अटकी वरिष्ठों की पदोन्नति

माध्यमिक शिक्षा परिषद के गोपनीय अनुभाग में प्रशासनिक अधिकारियों के सात पद रिक्त हैं। इन पदों पर चयन की प्रक्रिया पिछले दो साल से अटकी पड़ी है। हाल ही में परिषद की सचिव ने एक बार फिर प्रस्ताव दिया, बावजूद इसके प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी। यह तो एक बानगी भर है। माध्यमिक शिक्षा परिषद में अकेले प्रशासनिक अधिकारी के 13 पद रिक्त हैं। इन पर पदोन्नति का इंतजार इलाहाबाद ही नहीं, मेरठ, वाराणसी आदि क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मचारी भी कर रहे हैं। कर्मचारियों की मानें तो विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के चहेते कर्मचारी पदोन्नति के लिए निर्धारित योग्यता पूरी नहीं कर रहे हैं। उन्हीं के इंतजार में वरिष्ठों की पदोन्नति का मामला अटका पड़ा है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद (माशिप) के कर्मचारियों की पदोन्नति का कार्य माध्यमिक शिक्षा विभाग करता है। विभाग ने फरवरी 2009 में परिषद के गोपनीय अनुभाग के लिए चयन समिति की बैठक बुलाई थी। इसमें बनारस क्षेत्रीय कार्यालय के चार कर्मचारियों सरोज दुबे, विनोद राय, अनिल कुमार पाण्डेय व रमाशंकर मिश्र के लिफाफे इनके खिलाफ चल रही जांच के पूरी होने तक के लिए बंद कर दिए गए थे। अभी भी यह मामला अंजाम तक नहीं पहुंचा है। इस बीच अनुभाग के तीन और प्रशासनिक अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए। इन सातों पदों को अभी तक भरा नहीं जा सका है। फरवरी 09 में हुई पदोन्नति में मेरठ के प्रमोद कुमार गुप्ता को उनके खिलाफ चेतावनी जारी होने के नाम पर पदोन्नत नहीं किया गया था। बाद में मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा व विभाग ने मान भी लिया कि चेतावनी को प्रतिकूल प्रविष्टि नहीं माना जा सकता। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बावजूद इन पदों के लिए चयन समिति की बैठक नहीं हो सकी। श्री गुप्ता आज भी अपने से कनिष्ठ के अधीन काम करने को विवश हैं।

दूसरी ओर, एक खास कर्मचारी को फायदा पहुंचाने के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में चयन समिति की दो बार बैठक कर छह कर्मचारियों को एक साथ दो-दो पदोन्नति दे दी। यह सभी सीधे सहायक सचिव बना दिए गए। इसमें से एक कर्मचारी मात्र दो दिन के लिए पदोन्नत किया गया, जबकि कई कर्मचारी पदोन्नति के इंतजार में सेवानिवृत्त होने को विवश हैं। परिषद में अब अकेले प्रशासनिक अधिकारी के ही 13 पद रिक्त हैं। सहायक सचिव के पद भी रिक्त हैं, पर वरिष्ठ अधिकारियों को चयन समिति की बैठक बुलाने का मौका नहीं मिल रहा है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन से बात करने का प्रयास किया गया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,20.9.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।