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04 सितंबर 2010

रोजगार देने में पंजाब सरकार की पोल खुली

पंजाब सरकार विभिन्न विभागों, बोर्ड व कॉपरेरेशनों में रिक्त पड़े पदों को लेकर उलझ गई है। इस संबंध में परसोनल विभाग विभिन्न विभागों से रिक्त पदों के इकट्ठे किए गए आंकड़ों को लेकर अपनी कंपाइल रिपोर्ट तैयार नहीं कर सका है।

इसके पीछे मुख्य सचिव कार्यालय और कई विभागों के प्रमुखों का आपसी तालमेल न होना कारण बताया जा रहा है। इससे विभागों की भर्ती प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया है। सूत्रों के अनुसार इस समय विभिन्न विभागों में करीब पौने दो लाख कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। उधर कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार पर रिक्त पदों की भर्ती को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, ताकि सरकारी काम की धीमी गति में तेजी लाई जा सके।

चार माह से एकत्र हो रहा है डाटा:

चार माह पहले राज्य के मुख्य सचिव एस.सी. अग्रवाल ने सभी अधिकारियों की बैठक कर उन्हें निर्देश दिए थे कि वे अपने अपने विभागों में रिक्त पड़े पदों की जानकारी परसोनल विभाग को भेजें। इस पर विभिन्न विभागों ने रिक्त पड़े पदों की जानकारी भेज दी थी।

पांच कर्मचारियों का काम एक कर्मचारी पर: परसोनल विभाग को इस बात की भी जानकारी मिली है कि विभिन्न विभागों में काम कर रहे एक कर्मचारी पर करीब चार से पांच कर्मचारियों के काम का बोझ है, जिस कारण कोई भी काम समय पर नहीं हो पा रहा, लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

ठेकेदारी सिस्टम बंद हो: राज्य सरकार से कर्मचारी संगठनों ने ठेकेदारी सिस्टम को खत्म करने की मांग की है। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि ठेकेदारी सिस्टम से रोजगार के बजाय कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। इसी तरह किसी भी कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी बाखूबी निभाना आसान नहीं है, क्योंकि जब कर्मचारी की सेवाएं ही नियमित नहीं हैं तो वह अपना काम किस तरह कर सकते हैं। मालूम हो कि हाल ही में ठेके पर रखे कई विभागों के कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए ही नौकरी से हटा दिया गया, जिन्हें अब रोजी रोटी के लिए सरकार की दर बदर पर ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

10 सितंबर को देंगे चेतावनी

राज्य के सभी कर्मचारियों के संगठनों ने 10 सितंबर को जिला मुख्यालयों में लंबित मांगों को लेकर मांग पत्र देने का फैसला किया है। इसमें मुख्य तौर पर बेरोजगारों को रोजगार देने, पिछले काफी समय से रिक्त पड़े पदों को भरने, ठेके पर रखे कर्मचारियों को रेगुलर करने, कर्मचारियों के भत्ते को समय के अनुसार जारी करने और पांचवें वेतन आयोग के एरियर को जल्द जारी करने संबंधी मांगें शामिल हैं। इस सबंध में राज्य के गजेटेड और नॉन गजेटेड इम्पलॉई एसोसिएशन के वरिष्ठ नेता उमाकांत तिवारी ने बताया कि रिक्त पड़े पदों को सरकार ने न भरा तो वे संघर्ष करने पर मजबूर होंगे, जिसका खामियाजा राज्य सराकर को भुगतना पड़ेगा(सुखबीर सिंह बाजवा,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,4.9.2010)।

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