हिमाचल प्रदेश के दो लाख कर्मचारियों को अब यह चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि बॉस ने उसकी वार्षिक गोपनीय रपट (एसीआर) में क्या टिप्पणी की है। नई व्यवस्था के तहत अब कर्मचारी सूचना के अधिकार के जरिए अपनी एसीआर देख सकते हैं,लेकिन उन्हें किसी दूसरे कर्मचारी की एसीआर देखने की इजाजत नहीं होगी। पहलेएसीआर दिखाने या न दिखाने पर आरटीआई के तहत कई विरोधाभास थे, लेकिन हिमाचल में जब कई कर्मचारियों व अफसरों ने इसके लिए आवेदन किया तो इस पर विवाद हुआ। कई जगहों पर ऐसी सूचना देने से इनकार किया गया। इस पर मुख्य सूचना आयुक्त ने निर्देश दिए कि वार्षिक गोपनीय रपट दिखाई जाए। राज्य सूचना आयोग ने व्यवस्था दी है कि यदि कोई भी कर्मचारी अपनी एसीआर देखना चाहता है तो वह सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का उपयोग कर इसे देख सकता है। इसके लिए आयोग के जन सूचना अधिकारी को निर्धारित प्रपत्र व शुल्क के माध्यम से आवेदन देकर कर्मचारी एसीआर देख सकते हैं। ये निर्देश आयोग की ओर से जारी किए गए हैं। राज्य सूचना आयुक्त प्रेम सिंह राणा कहते हैं कि इसी तरह आयोग ने कर्मचारी वर्ग की सुविधा के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक में की गई सिफारिशों को प्राप्त करने की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है(तारा सिंह,दैनिक जागरण,शिमला।,५.९.2010)
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