मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

11 सितंबर 2010

मगध विवि में अब प्राचार्य भी पढ़ाएंगे

मगध विवि के कालेजों में अब प्राचार्य भी पढ़ाते नजर आएंगे। प्रशासनिक कार्यो को निबटाने के साथ वे सप्ताह में दो घंटे छात्रों को पढ़ाएंगे। कुलपति की अध्यक्षता में हुई प्राचार्य की बैठक में इस पर सहमति बनी। गौरतलब है कि विवि अनुदान आयोग ने शिक्षक के लिए पद के हिसाब से कक्षाएं निर्धारित की हैं। आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार सप्ताह में लेक्चरर (सहायक प्रोफेसर) को 21, रीडर सह प्रोफेसर को 14 तथा प्रोफेसर को भी 14 कक्षाएं लेना अनिवार्य है। जबकि विभागाध्यक्ष को सप्ताह में 12 कक्षाएं लेनी होती हैं। प्राचार्य के लिए कक्षा लेने की कोई बाध्यता नहीं है और आयोग ने कक्षा लेने का मामला उनके विवेक पर छोड़ दिया है। कक्षा कम से कम चालीस मिनट की अवधि की होनी चाहिए। आयोग के मापदंड के तहत शिक्षक कक्षा नहीं लेते हैं। इसके बावजूद लेक्चर, रीडर एवं प्रोफेसर अपने ज्ञान को छात्रों में बांटते हैं। कुछ अपवाद छोड़ दिए जायें तो अधिकांश प्राचार्य कक्षा लेने में रुचि नहीं लेते। उनका तर्क होता है कि प्रशासनिक कार्याें का ज्यादा बोझ होने की वजह से उनको कक्षा लेने के लिए समय ही नहीं मिल पाता। अध्यापन कार्य से दूर रहने के कारण अधिकतर छात्रों को यह पता ही नहीं होता कि हमारे प्राचार्य किस विषय के शिक्षक हैं। लेकिन अब मगध विवि के कुलपति डा. अरविन्द कुमार ने शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने की पहल शुरू है। इसी क्रम में उन्होंने विवि के कालेजों के प्राचार्य के साथ बैठक की। जिसमें कई प्राचार्याें ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण कक्षाएं प्रभावित हो जाती हैं। जिस पर कुलपति ने शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यरत शिक्षक अगर थोड़ा अतिरिक्त समय दे दें तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो जायेगा। इसके साथ उन्होंने प्राचार्य से सप्ताह में कम से कम दो घंटा पढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे प्राचार्य ने स्वीकार कर लिया(दैनिक जागरण,पटना,11.9.2010 )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।