हिमाचल में प्रारंभिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रणाली लागू करने का फैसला पांच साल तक कागजों में ही चलता रहा। इस दौरान शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रवक्ताओं को 9वीं से 12वीं की कक्षाएं लेने की 16 अधिसूचनाएं जारी की, लेकिन प्रवक्ताओं के विरोध के चलते सभी अधिसूचनाएं वापस लेनी पड़ी। अब सरकार शिक्षा विभाग के तहत तीन निदेशालय गठित करने जा रही है। हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 2005 में राज्य में प्रारंभिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रणाली लागू करने का फैसला लिया और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की जगह प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय गठित किया। इसके अंतर्गत पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक की शिक्षण व्यवस्था आनी थी। 9वीं से 12वीं की शिक्षा उच्चतर माध्यमिक निदेशालय के तहत लाई जानी थी। शिक्षक वर्ग में से जेबीटी से लेकर टीजीटी तक प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन लाए गए। फैसले के बाद से ही शिक्षा विभाग आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को आपस में एक नहीं कर पाया। अन्य प्रावधान भी लागू नहीं हो पाए। सरकार के फैसलों का शिक्षकों ने विरोध भी किया। स्कूल प्रवक्ताओं का कहना था कि वे नौवीं व दसवीं कक्षाओं को नहीं पढ़ाएंगे। नए फैसले को स्कूल प्राध्यापक संघ ने अपनी जीत बताते हुए तीन निदेशालय गठित करने संबंधी प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग की है। प्रधान शिक्षा सचिव श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि शिक्षा विभाग के पुनर्गठन को लेकर कमेटी बनाई गई है। नई प्रक्रिया के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय संबंधी अधिसूचना वापस लेना जरूरी था(दैनिक जागरण,शिमला,9.9.2010)।
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