उत्तराखंड पुलिस ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये की लूट करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के तार उत्तराखंड समेत जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और कर्नाटक से जुड़े हैं। पुलिस ने बिहार से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना फरार है। अल्मोड़ा जिले के मनरालनौला गांव निवासी अजय सिंह रावत ने 10 अगस्त को पिथौरागढ़ निवासी नरेन्द्र सिंह बिष्ट और उसके साथियों के खिलाफ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 9 लाख रुपये ठगने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने नरेन्द्र सिंह बिष्ट और उसके साथी महेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने पिथौरागढ़ के अलावा काशीपुर और हल्द्वानी के लोगों से भी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूलने की बात कबूली। दोनों ने वसूली गई धनराशि गिरोह के सरगनाओं के सिलीगुड़ी स्थित बैंक खातों में भेजी। गिरोह के तार सिलीगुड़ी से जुड़े होने पर पुलिस टीम वहां भेजी गई। छानबीन में पता चला कि पिथौरागढ़ से विष्णुकांत शर्मा, बबलू यादव, अनिल यादव, रवि कुमार और समीर कुमार के खातों में धनराशि भेजी गई है। इन खातों में उत्तराखंड के अलावा जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार व कर्नाटक से भी करोड़ों रुपये भेजे गए हैं। इस बीच जांच टीम ने सिलीगुड़ी के कुछ होटलों में भी पूछताछ की। वहां एक वाहन चालक से बबलू यादव और अनिल यादव का पता मिला। दोनों वहां होटल में ठहरने के दौरान 3 माह तक उसके वाहन को किराए पर लिया था। पुलिस टीम ने बिहार के सहरसा जिले के नैनपुर गांव में छापा मारकर बबलू और अनिल को दबोच लिया और पिथौरागढ़ ले आई। पुलिस अधीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि गिरोह का संचालन बिहार के भागलपुर निवासी प्रवीण कुमार कर रहा है। उसने अपना फर्जी नाम विष्णुकांत शर्मा रखा है और अपने को रेलवे भर्ती बोर्ड गुवाहाटी में सहायक कार्मिक अधिकारी बताकर गिरोह के जरिए बेरोजगारों को फांसता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है(दैनिक जागरण,पिथौरागढ़,9.9.2010)।
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