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20 सितंबर 2010

मध्यप्रदेशःनकलची स्कूलों में नहीं होगी परीक्षा

नकलची स्कूलों को अब परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। आगामी परीक्षाओं में माध्यमिक शिक्षा मंडल के साथ राज्य ओपन व संस्कृत बोर्ड की परीक्षा साथ में होने से परीक्षा केंद्रों की संख्या गत वर्ष की तुलना में तीस प्रतिशत ज्यादा होगी। परीक्षा केंद्र खोजने के लिए माशिमं अध्यक्ष राकेश बंसल ने निर्देश जारी कर दिए हंै। जिले भर से परीक्षा केंद्रों की सूची 31 अक्टूबर तक माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल में भेजना होगी। परीक्षा केंद्र खोजने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में हर जिले में समिति का गठन किया गया है। इसमें सचिव सचिव जिला शिक्षा अधिकारी/ सहायक आयुक्त/ जिला संयोजक होंगे। समिति का सदस्य पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, प्राचार्य एक्सीलेंस स्कूल को बनाया गया है। समिति वर्ष 2011 की माशिमं, राज्य ओपन व संस्कृत बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र का निर्धारण कर रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल मुख्यालय भेजेगी। माशिमं सचिव डीपी सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्र का निर्धारण में प्रस्ताव बनाते समय ध्यान रखा जाए कि ऐसे परीक्षा केंद्र जिसमें मार्च 2010 में आयोजित बोर्ड की परीक्षाओं में सामूहिक नकल अथवा नकल के अनेक मामले में प्रकाश में आए को यथासंभव पुन: परीक्षा केंद्र न बनाया जाए। ताकि नकल माफियाओं को सबक मिल सके। किंतु नकल की मामूली घटना के आधार पर किसी परीक्षा केंद्र को न बदला जाए। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों में संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र यथासंभव शासकीय विद्यालयों में ही रहे। तथा वहां सुदृढ़ बाउंड्रीवाल अथवा कटीले तारों से फैसिंग अवश्य हो यह सुनिश्चित किया जाए। परीक्षा केंद्र निर्धारण में यह ध्यान रखा जाए कि हायर सेकेंडरी परीक्षा में यथासंभव परीक्षार्थियों को जमीन पर बैठकर परीक्षा नहीं देना पड़े। प्रस्तावित परीक्षा केंद्र में अध्ययनरत छात्र उसी परीक्षा केंद्र से संबंद्ध रखे जाए तथा अन्य शाला के छात्रों के साथ रेण्डम तरीके से मिलकर ही उन्हें बैठाया जाए। श्री सिंह ने बताया कि जहां तक संभव हो 50 से कम परीक्षार्थी होने की स्थिति में परीक्षा केंद्र प्रस्तावित नहीं किया जाए। प्रस्ताव प्रेषित करने के पूर्व जिला योजना समिति से अनुमोदन करवाया जाए। ताकि जिले के जनप्रतिनिधियों की राय का समावेश भी प्रस्तावों में किया जा सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में एक बार प्रस्ताव भेजने के बाद उसमें परिवर्तन/ संशोधन की स्थिति नहीं बने। किस परीक्षा केंद्र पर कौन सी शालाएं संबंधित रहेगी तथा कुल कितने छात्र परीक्षा में बैठेंगे इसका भी शालावार तथा परीक्षावार स्पष्ट उल्लेख किया जाना होगा। प्रस्ताव में यह स्पष्ट करना होगा कि परीक्षा केंद्रों में कुल कितने परीक्षार्थी शामिल हो सकते हैं। तदनुसार संलग्न जिलेवार केंद्र व्यवस्था चार्ट के ध्यानपूर्वक आवश्यक संशोधन करते हुए शालावार एवं परीक्षावार वास्तविक छात्र संख्या दर्ज कर मंडल को सूची भेजना होगी(नीरज गौर,दैनिक जागरण,भोपाल,20.9.2010)।

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