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16 सितंबर 2010

मध्यप्रदेशःआरक्षित वर्ग को एक बार ही मिले नौकरी का लाभ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में प्रत्येक गरीब का जीवन स्तर ऊपर उठे, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा और रोजगार पर फोकस कर रही है। हमारा मानना है कि शिक्षा यदि रोजगार से नहीं जोड़ी जाती तो पढ़ाई के बाद युवकों की नौकरी नहीं लगती और वे घर के काम के भी नहीं बचते। इसलिए सरकार का लक्ष्य है कि एक लाख बच्चे हर साल आईटीआई ट्रेंड हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान बुधवार को प्रशासन अकादमी में राज्य के सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग द्वारा सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण-चुनौतियां एवं अवसर विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कर रहे थे। संगोष्ठी के प्रथम सत्र के अध्यक्ष तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा थे। श्री चौहान ने कहा कि निर्धन परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बैंक ऋण प्राप्त करने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए पहली बार उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना लागू की गई है। श्री चौहान ने कहा कि सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के गठन के पीछे राज्य सरकार की मंशा यही है कि गरीब चाहे वह किसी भी जाति और समाज का हो, पीछे न रहे।

एक ही बार मिले नौकरी का लाभ:
सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव ने दो टूक कहा आरक्षण के दायरे में आने वाली जातियों में एक परिवार के एक सदस्य को एक बार सरकारी नौकरी मिलने के बाद दूसरी बार उस परिवार को इसका लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह लाभ किसी अन्य परिवार को लाभ मिलना चाहिए(दैनिक जागरण,भोपाल,16.9.2010)।

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