झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल जज जूनियर डिवीजन (मुंसिफ) परीक्षा में विकलांगों को आरक्षण नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत अभ्यर्थी राजेश रंजन ने राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र को की है। इस बाबत राज्य नि:शक्तता आयुक्त ने 8 जून 2010 को ही जेपीएससी के सचिव को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी थी। पत्र में कहा गया था कि विकलांगता अधिनियम, 1005 के धारा 33 के प्रावधान के अंतर्गत वर्णित तथ्यों के आलोक में जांच के बाद मामले की कार्रवाई करें तथा यह स्पष्ट करें कि किस परिस्थिति में विकलांगों को आरक्षण नहीं दिया गया। लेकिन जपीएससी ने उनके पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। राज्य नि:शक्तता आयुक्त ने उक्त पत्र को स्मारित करते हुए आयोग को फिर पत्र लिखा है। ज्ञात हो कि कार्मिक विभाग के संकल्प संख्या 7281 (7 नवंबर 2007) द्वारा नि:शक्त व्यक्ति (समान अवसर) अधिकार संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 के तहत सरकारी सेवाओं में नियुक्ति/प्रोन्नति एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में विकलांगों को तीन प्रतिशत आरक्षण देने का उल्लेख है(दैनिक जागरण,रांची,16.9.2010)।
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