दूरसंचार के क्षेत्र में जिस तरह की क्रांति मोबाइल के आने से हुई लगभग उसी तरह की क्रांति इंटरनेट की दुनिया में ब्लॉग, यानी इंटरनेट पर आपके निजी ठिकाने, के आने से हुई। इसकी सफलता के पीछे दो प्रमुख कारण हैं जिनमें पहला तो यह कि ब्लॉगों की शुरुआत से पहले आम आदमी इंटरनेट पर केवल एक दर्शक था।
ब्लॉगिंग ने उसे दर्शक से लेखक बनाकर उसके हाथ में ऐसा हथियार दिया जिससे वह दुनिया के किसी भी कोने में पलक झपकते पहुंच सकता था। दूसरा और इसकी लोकप्रियता का सबसे प्रमुख कारण यह है कि इस पर हम अपनी भाषा का उपयोग करते हुए सारे काम कर सकते हैं। इसने उन लोगों को भी जोड़ा जिनकी अन्यथा इंटरनेट में कोई रुचि नहीं थी। हमारे देश में हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। अभिव्यक्ति की वास्तविक, त्वरित, और कम खर्चीली स्वतंत्रता जैसी एक ब्लॉग दे सकता है, वह किसी अन्य माध्यम में उपलब्ध नहीं है। कुछ ही वर्षों में हजारों लोग हिन्दी ब्लॉग लेखन से जुड़े हैं और उन्हें पढ़ने वालों की संख्या तो लाखों में पहुंच गई है। हिन्दी ब्लॉगों के लिए चिट्ठा शब्द प्रचलित हुआ और ब्लॉगरों को चिट्ठाकार कहा जाने लगा। शुरुआत में तो यह लेखन का शौक रखने वालों में लोकप्रिय हुई। लेकिन जैसे-जैसे लोगों को खूबियों का पता चला, वैसे-वैसे इसके उपयोगकर्ता भी बढ़ते गए। आज लोग हर उस विषय पर ब्लॉगिंग कर रहे हैं जिसकी हम कल्पना कर सकते हैं। हिन्दीभाषी किसी मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करने, भड़ास निकालने, दैनिक डायरी लिखने, खेती-किसानी की बात करने से लेकर तमाम तरह के विषयों पर लिख रहे हैं। अपनी इसी खूबी के कारण इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का माध्यम कहा जाता है क्योंकि यहां पर आप कुछ भी और कितना भी लिखिए, कोई रोकने वाला नहीं है।
ब्लॉगर, वर्डप्रेस, मायस्पेस और मायवेबदुनिया जैसी कई प्रमुख साइटों पर आप न केवल हिन्दी में ब्लॉगिंग कर सकते हैं बल्कि इनपर सारे टूल्स भी हिन्दी में उपलब्ध हैं जो एक बेहतरीन ब्लॉग बनाने में आपकी मदद करते हैं, भले ही आप कंप्यूटर के अधिक जानकार न हों। आपकी भाषा में चरण दर चरण मार्गदर्शन उन लोगों के लिए काफी उपयोगी है जो ब्लॉगिंग की शुरुआत करना चाहते हैं। आज तो ब्लॉगिंग केवल एक शौक या अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं रहा बल्कि ब्लॉगर अपने ब्लॉग की लोकप्रियता के अनुसार हजारों रुपए हर महीने कमा रहे हैं। कंपनियां अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए ब्लॉगरों की मदद लेती हैं और विज्ञापन देने वाली कंपनियां विज्ञापन पोस्ट करने के लिए।
हिन्दी ब्लॉगिंग की लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अमिताभ बच्चन जैसी कई नामी फिल्मी हस्तियां और राजनीतिज्ञ इससे जुड़े हैं। विदेशों में बसे हिंदीभाषी और छोटे-छोटे गांवों से भी ब्लॉगर अपने हाथ आजमा रहे हैं(जितेन्द्र जायसवाल,नई दुनिया,दिल्ली,4.9.2010)।
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