सरकारी कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड अपने दो तिहाई स्टाफ की छंटनी कर करने जा रही है और इसके लिए एमटीएनएल ने सरकार से इजाजत मांगी है। ज्यादा कर्माचरियों के होने से एमटीएनल के ऑपरेशन कॉस्ट काफी बढ़ गया है जिससे उसके मुनाफे को चोट पहुंच रही है। लगभग 56 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी वाली कंपनी एमटीएनल के देशभर में कुल 45 हजार कर्मचारी हैं बीते साल एमटीएल ने अपने कुल रेवेन्यू का 30 प्रतिशत यानी 3,770 करोड़ रुपए अपने कर्मचारियों की तनख्वाह पर खर्च किए थे। वही भारत की नंबर वन टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल का मुनाफा एमटीएनल से 10 गुना ज्यादा है और एमटीएनल के मुकाबले इसके कर्मचारी आधे से भी कम यानी सिर्फ 18,000 हैं।
एमटीएनएल अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30,000 करना चाहती है लेकिन मजबूती एम्पलॉयी यूनियन के कारण वो ऐसा नहीं कर पा रही है। मार्च 2010 में खथ् हुए साल के दौरान एमटीएनल ने 2,514 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था एमटीएनल के मुताबिक ये घाटा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दौरान वन टाइम बेनेफिट देने के कारण हुआ लेकिन जून 2010 में खत्म हुई तिमाही में एमटीएनएल को 451.4 करोड़ रुपए का फिर घाटा हुआ था(बिजनेस भास्कर,दिल्ली,10.9.2010)।
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