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20 सितंबर 2010

उत्तराखंड में खुलेगा गौ अनुसंधान विश्वविद्यालय

उत्तराखंड में गाय और उसके दूध, मूत्र, गोबर उत्पादों पर व्यापक रूप से अनुसंधान करने के लिए अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न स्तर पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया गया है। गौ अनुसंधान पर पिछले 30 वर्ष से कार्य कर रहे धेनु मानस ग्रंथ के रचयिता तथा सुप्रसिद्व विद्वान गोपाल मणि ने बताया कि केवल देशी गाय से संबंधित विषयों और उसके उत्पादों से होने वाले लाभ तथा अन्य तथ्यों पर लगातार शोध और अध्ययन के लिए राज्य में गौ अनुसंधान विश्वविद्यालय की स्थापना करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होने कहा कि इस सिलसिले में प्रसिद्व योग गुरू बाबा रामदेव सहित अन्य विद्वानों से विचार विमर्श का सिलसिला जारी है तथा इसके लिए जमीन भी देखी गई है। गोपाल मणि ने बताया कि उनके द्वारा किए गए अनुसंधानों से निष्कर्ष निकला है कि देशी गाय के सींग में नकारात्मक विचारों को सकारात्मक बनाने की क्षमता है इसीलिए जिस इलाके में गायें बहुलता से रहती हैं वहां अपेक्षाकृत लोग शांत स्वभाव के होते हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पहाड़ों के गांवों में देखा जा सकता है। उत्तराखंड के कई एक ऐसे इलाके आज भी हैं जहां आजादी के बाद से अब तक एक भी हत्या की घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में इसी तरह के तथ्यों पर और अधिक वैज्ञानिक तरीके से शोध किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में गाय के गोबर और मूत्र के औषधीय गुणों को लेकर अध्ययन किया जाएगा। इसके वाणिज्यीकरण को लेकर भी शोध किया जाएगा ताकि लोग गाय पालन के माध्यम से आर्थिक रूप से अधिक से अधिक समृद्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि वेदों और अन्य ग्रंथों में गाय के बारे में जिन तथ्यों को उजागर किया गया है, विश्वविद्यालय में उन पर भी गहन शोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान से प्रमाणित हुआ है कि पांच लीटर गोमूत्र में पांच किलो गोबर, एक किलो जड़ की मिट्टी, एक किलो चने की खली मिलाकर खेतों में छिडक दें तो फसल में किसी भी स्थिति में कीड़े नहीं लगेंगे। यह सबसे उत्तम कोटि का कीटनाशक साबित हुआ है। गोपालमणि ने कहा कि भारत में किए गए अनुसंधानों और सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि जो गोपालक हमेशा देशी गायों के बीच रहे हैं उन्हें और उनके परिवार में कभी भी किसी को टीबी की बीमारी नहीं होती देखी गई है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,20.9.2010)।

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