कॉलेज में क्लासेज होती हैं दोपहर तक, उसके बाद क्या करें! पर अब आप दोपहर बाद के खाली समय को लेकर परेशान न हों। दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस ऑफ ओपन लर्निंग में तरह-तरह के शॉर्ट टर्म कोर्स हैं, जो आपके दोपहर बाद के टाइम को भी सार्थक करेंगे और आपकी जानकारी में भी इजाफा करेंगे। इन कोर्सों में कुछ बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर से जुड़े हैं तो कुछ पर्सनेलिटी डेवलपमेंट से। ये कोर्स आमतौर तीन से छह माह तक की अवधि के हैं। इन कोर्सों को रेगुलर कोर्स की पढ़ाई करने के साथ-साथ किया जा सकता है। दाखिले की प्रक्रिया जारी है। कोर्स के रंग केशवपुरम स्थित सेंटर में विश्वविद्यालय ने विभिन्न उद्योगों की मदद से शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किए हैं। फिलहाल पांच कोर्सेज में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। कोर्स हैं- टेलीकॉम, इंश्योरेंस, सेल्स एंड रिलेशनशिप मैनेजमेंट, हॉस्पिटेलिटी और सॉफ्ट स्किल। टेलीकॉम टेलीकॉम का कोर्स भारती ग्रुप के सेंटम लर्निग की मदद से चलाया जा रहा है। छह माह के इस कोर्स में दो माह की इंटर्नशिप है। कोर्स में कस्टमर रिलेशनशिप, कस्टमर सर्विस और टीम वर्क जैसी चीजें शामिल हैं। इंश्योरेंस इंश्योरेंस का कोर्स मेटलाइफ के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें जीवन बीमा और वित्तीय मामलों की जानकारी दी जाती है। विभिन्न तरह के प्रोडक्ट्स और उनके इस्तेमाल के बारे में बताया जाता है। यह कोर्स तीन माह का है, जिसमें एक माह इंटर्नशिप है। इसकी फीस दस हजार रखी गई है। सेल्स एंड रिलेशनशिप मैनेजमेंट सेल्स एंड रिलेशनशिप मैनेजमेंट विशेष तौर पर स्नातक पास या स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए है। इसमें दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए होता है। कोर्स में दाखिला पाते ही छात्र को नियुक्ति पत्र भी दिया जाता है, ताकि कोर्स पूरा होते ही छात्र कंपनी के साथ काम कर सके। यह कोर्स बैंक और फाइनेंस सेक्टर में काम के लिहाज से तैयार किया गया है। सीटें 25 हैं और फीस 18 हजार है। कोर्स की अवधि साढ़े तीन माह है। यह हीरो माइंड माइन कंपनी के सहयोग से चल रहा है। इसमें बैंक की जानकारी, बिजनेस कम्युनिकेशन और कम्युनिकेशन और सेलिंग स्किल की जानकारी दी जाएगी। सॉफ्ट स्किल सॉफ्ट स्किल में अंग्रेजी कम्युनिकेशन, कॉरपोरेट एप्टीटय़ूड, साक्षात्कार का सामना करने के हुनर सिखाए जाते हैं। हॉस्पिटेलिटी का कोर्स होटल उद्योग और अन्य सर्विस सेक्टर में कुशल कर्मचारी तैयार करने को लेकर तैयार किया गया है। सेल्स एंड रिलेशनशिप मैनेजमेंट को छोड़ कर अन्य सभी कोर्सेज में प्रवेश के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है। दाखिले की प्रक्रिया इन कोर्सों में दाखिले के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के वे ही छात्र आवेदन कर सकते हैं, जो स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, नॉन कॉलेजिएट वुमंस एजुकेशन बोर्ड और किसी कॉलेज या विभाग में किसी कोर्स में अध्ययनरत हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बाहर के छात्र इसमें दाखिला नहीं ले सकते। कोर्सों में दाखिला साक्षात्कार और मेरिट लिस्ट के जरिए होगा। छात्र किसी भी विषय का हो, इनमें सीधे-सीधे आवेदन कर सकता है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ कैम्पस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक सविता मोहन दत्ता ने बताया कि इन कोर्सों में दाखिला पाने वाले छात्रों को पढ़ाई के दौरान ऑन हैंड ट्रेनिंग भी दी जाती है। संस्थान में आधुनिक लैब भी तैयार की गई है। कक्षाएं आमतौर पर सप्ताह में तीन दिन दो-दो घंटे चलेंगी। कोर्स पूरा होने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय और संबंधित संस्थान संयुक्त रूप से सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं। संस्थान की ओएसडी डॉ. ममता भाटिया ने बताया कि ये कोर्स छात्रों की सहूलियत के मुताबिक चलाए जाते हैं। अगर किसी को सुबह की पाली में क्लास करने में परेशानी है तो वह दूसरी पाली यानी दोपहर बाद भी क्लास कर सकता है(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,1.9.2010)।
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02 सितंबर 2010
रेगुलर डिग्री के साथ हासिल करें पार्ट टाइम स्किल
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