अब आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले अध्यापकों को भी पहाड़े याद करने होंगे, ताकि वो बच्चों को सही ढंग से पहाड़े बुलवा सकें। शिक्षा विभाग ने आठवीं तक के छात्रों को तीस तक पहाड़े सीखना अनिवार्य कर दिया है। अध्यापक बच्चों को तभी पहाड़े करवा पाएंगे, जब उन्हें खुद याद होंगे। इतना ही नहीं बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों को भी अब अपनी मैमोरी शार्प करनी होगी।
क्लास रूम में अब उन्हें हर दिन बच्चों से टोकवे पहाड़े सुनने होंगे। इसके अतिरिक्त अध्यापकों को बच्चों का हर हफ्ते टेस्ट भी लेना होगा ताकि बच्च गणित में कितना सक्षम है, यह भी पता चल सके। शिक्षा विभाग पंजाब ने राज्य के समूह शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आठवीं तक बच्चों को पहाड़े याद करवाने लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कहा है।
डीजीएसई कृष्ण कुमार ने जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छठी से आठवीं तक के छात्रों को पहाड़ों को कम आते हैं। इस कारण बच्चों का गणित विषय में रूझान कम हो जाता है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि छठी कक्षा तक के छात्रों को 20 तक पहाड़े, सातवीं कक्षा के छात्रों को 25 तक के पहाड़े तथा आठवीं कक्षा के छात्रों को 30 तक के पहाड़े हर समय याद होने चाहिए।
डीजीएसई के अनुसार इसके लिए अगर हो सके तो सुबह की प्रार्थना सभा में या फिर गणित के अध्यापक अपने लेक्चर के दौरान छात्रों से उक्त पहाड़े जरूर सुनें। इसके साथ ही सप्ताह में कम से कम एक दिन छात्रों से पहाड़ों का मौखिक टेस्ट भी जरूर लें(असीम जैन,दैनिक भास्कर,लुधियाना,4.9.2010)।
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