कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष धनेंद्र साहू ने राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती के समय घोटाले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर उन उम्मीदवारों की नियुक्ति कर दी गई है, जो छत्तीसगढ़ के निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करते।
राज्य सरकार के उस आदेश का खुला उल्लंघन किया जा रहा है, जिसमें सरकारी नौकरी की भर्ती के लिए हायर सेकंडरी या ग्रेजुएशन यहां के संस्थान से करने की अनिवार्यता रखी गई है।हजारों पदों पर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी मिल गई।
इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से इस्तीफा मांगा है। श्री साहू ने रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने 2 अगस्त 1997 को एक आदेश पारित किया है, जिसमें सभी विभागों में होने वाली भर्ती के लिए उम्मीदवार के राज्य के किसी स्कूल से हायर सेकंडरी या कॉलेज से स्नातक उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता रखी गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह आदेश प्रदेश में लागू कर दिया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। श्री साहू ने बताया कि लोक सेवा आयोग और व्यावसायिक परीक्षा मंडल में हुई हजारों भर्तियों में इस नियम का पालन नहीं किया गया है।
यह प्रदेश के बेरोजगारों के साथ अन्याय है। उन्होंने होम्यौपैथी चिकित्सा अधिकारी, यूनानी चिकित्सा अधिकारी, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी और आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों के नाम दिए हैं। इसकी सूची पीएससी और व्यापमं की चयन सूची से ली गई है, जिसमें उम्मीदवार की डोमेसाइल लिखी हुई है।
श्री साहू ने आरोप लगाया कि अफसरों ने जानबूझकर इस आदेश का दबाए रखा। इसके कारण बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों की भर्ती हो गई है। उन्होंने इस मामले में सभी विभागों के प्रमुख सचिव, मंत्री और मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया और कहा कि इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेस राज्यपाल से शिकायत करेगी।
यहां हुई अनियमितता
होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में 18 में से दो पदों पर स्थानीय उम्मीदवार को नौकरी मिली है। शेष 16 दूसरे राज्यों के हैं।यूनानी चिकित्सा अधिकारी के नौ में से नौ पदों पर दूसरे राज्यों के उम्मीवारों की भर्ती की गई है।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 40 में से 29 में दीगर प्रदेशों के उम्मीदवार हैं। राज्य से 11 उम्मीदवारों का चयन हुआ है।आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 151 में से 103 पदों पर दूसरे प्रदेशों के लोगों की भर्ती की गई है। राज्य के 48 को नौकरी मिली(दैनिक भास्कर,उदयपुर,20.9.2010)।
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