नये सरकारी संस्थानों में प्रवेश के लिए चल रही जीबीटीयू राज्य प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। अभी तक आरक्षित वर्ग की आधी सीटें भी नहीं भरी जा सकी हैं। वहीं सामान्य वर्ग की सीटें कुछ ही कालेजों में, वह भी एक-दो ही शेष हैं। पिछड़ा वर्ग की सीटें अभी रिक्त हैं। शनिवार को भी काउंसिलिंग होगी। इसके लिए 100001 रैंक से अन्तिम रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। गौरतलब है शासन ने स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के अन्तर्गत प्रदेश में चार नये सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत किये है। इनमें से अम्बेडकर नगर में मान्यवर कांशी राम इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ इंफारमेशन टेक्नोलाजी, बांदा व बिजनौर में डा.अम्बेडकर इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ इंफारमेशन टेक्नोलाजी और आजमगढ़ में मान्यवर काशी राम इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ इंफारमेशन टेक्नोलाजी प्रस्तावित है। गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय व महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय नोएडा से सम्बद्ध इन सभी कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्य प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग फिर शुरू की गई है। इन कॉलेजों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 70 फीसदी अभ्यर्थी, पिछड़ा वर्ग के 15 फीसदी अभ्यर्थी और सामान्य वर्ग के 15 फीसदी अभ्यर्थियों का प्रवेश लिया जाना है। शुक्रवार को काउंसिलिंग के लिए 50,001 रैंक से एक लाख रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। पहले दिन सीटें फुल होने का धोखा होने के कारण शनिवार को केवल 350 अभ्यर्थी ही काउंसिलिंग में शामिल हुए। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की सीटों पर गौर करें तो 126 सीटों के सापेक्ष बांदा के कॉलेज में 60 सीटें, आजमगढ़ में 50 सीटें, अम्बेडकरनगर में 75 सीटें और बिजनौर के कॉलेज में 24 सीटें खाली हैं। पिछड़ा वर्ग की 27 सीटों में भी प्रत्येक कॉलेज में अभी 10-12 सीटें खाली हैं(दैनिक जागरण,लखनऊ,18.9.2010)।
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