मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

10 सितंबर 2010

हिमाचलःफर्जी सर्टिफिकेट्स का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

बिना पेपर दिए स्टूडेंट्स को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के असली सर्टिफिकेट बेचने वाले गिरोह के मास्टर माइंड को पुलिस ने देर शाम गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने वीरवार सुबह पांच बजे कांगड़ा एयरपोर्ट के पास संचालित दिव्यज्योति अकेडमी के संचालक एवं निलंबित टीजीटी अश्वनी कुमार को उसके घर से हिरासत में लिया है। गिरोह का मास्टर माइंड अश्वनी कुमार पहले भी प्रदेश में हुए पीएमटी घोटाले में आरोपी है। इसके चलते उसे शिक्षा विभाग ने निलंबित कर रखा है। वीरवार को पुलिस की दबिश में अकेडमी का अधिकतर रिकॉर्ड पुलिस के हाथ नहीं लग पाया।

अब तक 63 छात्रों का खुलासा

मास्टर माइंड की पीएमटी घोटाले में संलिप्तता के चलते आशंका जताई जा रही है कि यह गिरोह संगठित रूप से लंबे अरसे से फर्जी शिक्षण संस्थानों के नाम पर प्रदेश भर में इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था। जांच में भले ही 63 परीक्षार्थियों के नाम ही सामने आए हों, लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है कई और परीक्षार्थियों के नाम सामने आने की संभावना है। वहीं, कई कर्मचारियों और अधिकारियों के भी इस गोरखधंधे में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

पुलिस ने नंदरूल गांव की दसवीं के मात्र दो पेपर देने वाली महिला को भी पूछताछ के लिए वीरवार को धर्मशाला पुलिस थाने में तलब किया है। महिला के अन्य पेपर अकेडमी के अध्यापकों ने ही हल किए थे। महिला ने पूछताछ में यह बात स्वीकार भी की है। बोर्ड प्रशासन की जांच के चलते इनसे बार-बार पूछताछ के बाद संचालक और अन्य सहयोगी सतर्क हो गए थे। मामले से संबंधित अधिकतर रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया है या साक्ष्यों को मिटा दिया गया है। यह खुलाया महिला ने पूछताछ में किया है।

एएसपी उमापति जंबाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है तथा विशेष पुलिस पार्टियां अलग-अलग स्थानों पर आरोपियों की धरपकड़ और रिकॉर्ड को कब्जे में लेने के लिए रवाना की गई हैं। मामले में और गिरफ्तारियां भी संभव हैं। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड में सामने आए विभिन्न फर्जी सर्टिफिकेट्स के अधिकतर मामले स्टेट विजिलेंस और पुलिस के पास जांच के लिए लंबित पड़े हैं, जबकि कुछ एक मामलों में चालान पेश किए गए हैं, जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। अब तक बोड़ से जुड़े विभिन्न मामलों में पूर्व मंत्री, बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सहित एक अधिकारी और दो कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

मान्यता रद्द फिर भी अकेडमी में प्रवेश

बोर्ड और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दिव्यज्योति अकेडमी कई साल से चल रही थी, लेकिन 2006 में इसकी मान्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बावजूद अकेडमी में स्टूडेंट्स को प्रवेश देकर प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षाएं दिलाई जा रही थी।

बोर्ड के दामन पर पहले भी कई दाग

मार्च 2008 को पूर्व मंत्री सिंघी राम की बेटी को फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने में तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष बीआर राही की संलिप्ता का खुलासा। बीआर राही और सिंघी राम की गिरफ्तारी। 2009 में बोर्ड कर्मी फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के मामले में गिरफ्तार। 2010 में बिलासपुर और कांगड़ा में फर्जी सर्टिफिकेट्स मामलों के आरोपी गिरफ्तार, बोर्ड से भी जुड़े थे तार। 2010 में चंडीगड़ के सेक्टर 26 की ग्रेन मार्केट में हिमाचल शिक्षा बोर्ड के फर्जी सर्टिफिकेट का मामला।

गैरहाजिर छात्रों को जारी किए थे प्रमाण पत्र

आरोपी अश्वनी ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों से मिलीभगत कर दसवीं के छात्रों को पेपर दिए बिना ही सर्टिफिकेट जारी कर दिए थे। पकड़े गए अधिकतर मामले नगरोटा बगवां, 53 मील, त्यारा, गगल, गुलेर, कच्छयारी, न्यू कांगड़ा, खोली, मटौर परीक्षा केंद्रों से संबंधित हैं। मार्च 2010 में आयोजित दसवीं की वार्षिक परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स ने फॉर्म भरे और बोर्ड ने उन्हें परीक्षा केंद्र अलॉट कर दिए, लेकिन परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों में उपस्थित नहीं हुए। इस मामले में कई अधिकारी फंस सकते हैं(दैनिक भास्कर,धर्मशाला,10.9.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।