दिल्ली यूनिवर्सिटी को लैब में रेडियोएक्टिव सोर्स का इस्तेमाल करने की जो इजाजत अटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड से हासिल थी, वह वापस ले ली गई है।
बोर्ड के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने मायापुरी स्क्रैप मार्केट कांड में अपना फाइनल जवाब तय समय के अंदर पेश नहीं किया, इसलिए यह फैसला किया गया। इस साल अप्रैल में स्क्रैप मार्केट में कोबाल्ट-60 के रेडिएशन से एक शख्स की मौत हो गई थी और 10 लोगों पर इसका असर हुआ था।
दिल्ली पुलिस को पता चला था कि कोबाल्ट-60 का सोर्स डीयू से नीलाम हुआ गामा रेडिएटर है। बोर्ड के चेयरमैन एस.एस. बजाज ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने सस्पेंशन ऑर्डर खत्म कर इजाजत जारी रखने का अनुरोध किया था और समय देने की मांग की थी। लेकिन बोर्ड की स्थायी समिति ने और समय देने से मना कर दिया और इजाजत वापस ले ली।
फिलहाल डीयू के पास छोटे न्यूट्रॉन सोर्स हैं और कोई प्रमुख रेडियोएक्टिव सोर्स नहीं है। किसी को पनिशमेंट देने के बारे में बोर्ड ने कोई फैसला नहीं किया है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,16.9.2010)।
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