उत्तराखंड कैबिनेट ने राज्य में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा शिक्षा आचायरें को शिक्षा मित्रों का दर्जा देने का रास्ता भी साफ कर दिया गया है। शासन स्थित सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। लगभग तीन घंटे तक चली इस बैठक में कैबिनेट ने तय किया कि राज्य में वनस्थली विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। इसकी स्थापना राजस्थान स्थित वनस्थली विद्यापीठ की तर्ज पर करने का प्रस्ताव है। कैबिनेट ने आज सूबे के शिक्षा मित्रों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। तय किया गया है कि राज्य में काम कर रहे शिक्षा आचायरें को शिक्षा मित्र के पद पर की नियुक्ति दी जाए। सूबे में इनकी संख्या 770 बताई जा रही है। ये लोग केंद्र सरकार की योजना के तहत काम कर रहे थे पर योजना बंद होने से ये लोग बेरोजगारों की जमात में शामिल होने की कगार पर है। तय किया गया है कि शिक्षा मानकों को पूरा करने वाले यानि कम के कम स्नातक डिग्री पूरी करने वाले आचायरें को ही शिक्षा मित्र बनाया जाएगा। उधर,लोक सेवा आयोग अध्यक्ष व सदस्यों को 15 महीने की सेवा पर ही पेंशन का अधिकार दिया गया है। अभी तक यह अवधि 24 महीने की है। इस प्रस्ताव को राज्य गठन के वक्त से ही प्रभावी माना जाएगा(दैनिक जागरण,देहरादून,16.9.2010)
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