इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एमए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम प्रारूप का खाका लगभग खींच लिया गया है। अब उसे अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। १३ प्रश्नपत्रों का सिलेबस भी तैयार है जिन्हें टिप्पणी के लिए विशेषज्ञों को भेजा गया है। इसके अलावा सात अन्य प्रश्नपत्रों का सिलेबस भी तकरीबन तैयार है। जल्द ही इन्हें बोर्ड ऑफ स्टडीज में रखा जाएगा।
विश्वविद्यालय में पिछले साल ही समाजशास्त्र विभाग को मान्यता दी गई लेकिन अभी उसमें एमए की पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है। उम्मीद है अगले सत्र में प्रवेश लिए जाएं। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में चार सेमेस्टर होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में चार पेपर होंगे। इस तरह से छात्र-छात्राओं को कुल १६ पेपर देने होंगे लेकिन इसमें वैकल्पिक विषय भी होंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र १००-१०० नबंर के होंगे। फिलहाल कुल २० पेपर होने की बात कही जा रही है। प्रत्येक पेपर में पांच यूनिटें होंगी। इनके लिए न्यूनतम ५० से ६० कक्षाएं चलाई जाएंगी। इसके अलावा फील्ड वर्क भी होंगे। इसके तहत छात्र-छात्राओं को सब्जेक्ट दिए जाएंगे। उन्हें इस पर अध्ययन करके रिपोर्ट सौंपनी होगी। शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए उन्हें न्यूज पेपर जैसे सब्जेक्ट दिए जाएंगे। विभाग में समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें ये रिपोर्ट्स रखी जाएंगी। फील्ड वर्क के आधार पर ही मौखिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए बाहर से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। दो सेमेस्टर को मिलाकर एक मौखिक परीक्षा होगी। मौखिक परीक्षा १०० या २०० नंबर की होगी(अमर उजाला,इलाहाबाद,16.9.2010)।
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