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19 सितंबर 2010

मध्य प्रदेश में मानदंडों पर नहीं चल रहे बीएड कालेज

शासन के सख्त रवैए के बावजूद बीएड कालेज संचालकों का रवैया अब तक सुधरा नहीं है। जीवाजी विश्वविद्यालय की एक टीम ने कुछ कालेजों का औचक निरीक्षण किया, तो ढेरों खामियां सामने आईं। किसी बीएड कालेज में छात्र नहीं मिले, तो कहीं स्कूल भवन में कालेज चलता मिला। ज्यादातर कालेजों में तय मानदंडों के मुताबिक स्टाफ ही नहीं था लेकिन प्रवेश लिए गए छात्रों की संख्या जरूर हर कालेज में सौ के आसपास मिली। जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने पिछले दिनों तय किया था कि संबद्ध बीएड कालेजों का अचानक निरीक्षण किया जाएगा। इसके चलते कुलपति प्रो. एम. किदवई और अन्य शिक्षकों के नेतृत्व में निरीक्षण शुरू कर दिया। जब यह टीम गांधी रोड पर बने बीजो एजूकेशन कालेज पहुंची तो वहां पर स्कूल चलता मिला। बीएड कालेज के नाम का बोर्ड तक नहीं लगा था, जबकि यहां पर नए सत्र में 94 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। कालेज संचालक ने तर्क दिया कि छात्र स्कूलों में प्रशिक्षण के लिए गए हुए हैं। इसी प्रकार आनंद नगर स्थित वीणावादिनी कालेज में एक स्कूल चलता मिला। नियमानुसार बीएड की कक्षाएं, छात्र, लाइब्रेरी तक नहीं मिली। पूछताछ में कालेज संचालकों ने कई बहाने बनाए, जैसे निरीक्षण टीम बिना सूचना के आ गयी, छात्र प्रशिक्षण लेने गए हैं, आदि। अंचल में जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 80 बीएड कालेज हैं, लेकिन ज्यादातर में नियमों का पालन सही प्रकार से नहीं होता है। इन कालेजों को राज्य सरकार के साथ एनसीटीई मान्यता तो दे देता है, लेकिन ऐसे कालेज मान्यता की शर्तो को पूरा नहीं करते हैं। बाद में जब इन कालेजों पर कार्रवाई होती है तो ये छात्रों की दुहाई देते हुए न्यायालय की शरण लेते हैं। यही कारण है कि पिछले पांच वर्षो से अंचल में बीएड में प्रवेश लेने वाले छात्र परेशान होते रहे हैं। इस बार विश्वविद्यालय ने निरीक्षण करने की पूरी वीडियो फिल्म बनाई है और इसे बतौर सबूत राज्य सरकार व एनसीटीई के सामने रखा जाएगा(दैनिक जागरण,ग्वालियर,19.9.2010)।

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