डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में एससी-एसटी एवं पिछड़ा वर्ग के पात्र विद्यार्थियों को आन-लाइन छात्रवृत्ति के फॉर्म जमा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि नोडल सेंटर (एससी-एसटी सेल) सहित ज्यादातर विभागों में ऑन-लाइन फॉर्म जमा करने के लिए इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
मंगलवार को दोपहर में विवि के मुख्य प्रशासनिक भवन स्थित एससी-एसटी सेल में कई विद्यार्थी आए थे। इनका कहना था कि विभागों में आन-लाइन फॉर्म जमा करने की सुविधा नहीं है, जबकि विभाग के संबंधित कर्मचारियों का कहना है कि विभाग में ऑन-लाइन फॉर्म की जांच होने के बाद ही उन्हें नोडल सेंटर भेजा जाता है। इस परेशानी के संबंध में विद्यार्थियों ने नोडल सेंटर के कर्मचारियों से भी चर्चा की। उनका कहना था कि फॉर्म भरने की प्रक्रिया के संबंध में सभी विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिन विभागों में इंटरनेट सुविधा नहीं है, वहां के विद्यार्थियों को मुद्रित आवेदन फॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि विवि में एससी-एसटी, ओबीसी के लगभग चार हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति लेने की पात्रता है। अभी तक एक हजार विद्यार्थियों के ऑन-लाइन फॉर्म भी जमा नहीं हो सके हैं। विवि प्रशासन विद्यार्थियों की इस समस्या की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है। एससी-एसटी सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार सेल एवं विभागों में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई बार विवि प्रशासन से मांग की गई, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका। इन पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ फीस की राशि भी दी जाती है। जिसके तहत एक विद्यार्थी को तीन हजार रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक प्राप्त होते हैं।
छह लाख रुपए अटके
एससी-एसटी सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन द्वारा पिछले साल की छात्रवृत्ति के रूप में दी गई लगभग छह लाख रुपए की राशि मध्य भारत ग्रामीण बैंक में अटकी पड़ी है। बैंक ने यह राशि विवि के बैंक में लगभग एक माह से जमा नहीं कराई है। जिस कारण पिछले साल के कई पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है(दैनिक भास्कर,सागर,15.9.2010)।
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