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09 सितंबर 2010

सीबीएसईःग्रेडिंग की एबीसी

ग्रेडिंग प्रणाली लागू होने के बाद से अपने अंक जानने के लिए परेशान होने वाले सीबीएसई के छात्र अब जान सकेंगे कि उन्हें कितने मार्क्‍स मिले। इसके लिए उन्हें न केवल 500 रुपए खर्च करने पड़ेंगे, बल्कि प्रोफिशिएंसी टेस्ट भी देना होगा।

सीबीएसई इस सिस्टम को 2011-12 से शुरू कर रहा है। दसवीं में ग्रेडिंग सिस्टम के कारण पढ़ाई में अव्वल रहने वाले स्टूडेंट्स अपने अंक नहीं जान पा रहे थे।

लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने प्रोफिशिएंसी टेस्ट सिस्टम तैयार कर लिया है ताकि स्टूडेंट्स जिस भी विषय में चाहें अंक जान सकते हैं। इसके लिए मई-जून 2011 में प्रोफिशिएंसी टेस्ट लिया जाएगा। स्कूलों को इस संबंध में सकरुलर भेज दिए गए हैं।

जो स्टूडेंट्स प्रोफिशिएंसी टेस्ट देना चाहते हैं उन्हें 31 अक्टूबर तक अपने स्कूल में फॉर्म जमा करना होगा। खास बात यह है कि यह टेस्ट वैकल्पिक होगा, यानी जो स्टूडेंट्स अंकों के जरिए अपने ज्ञान की परख करना चाहते हैं वे इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

पीटीएस में हिस्सा लेने के लिए हर विषय का पेपर दिया जाए यह जरूरी नहीं है। जिस भी विषय के अंक जानने हो उसी विषय का पेपर देना होगा। जिसमें हिंदी, इंग्लिश, मैथ्स सोशल साइंस और साइंस विषय को ही शामिल किया गया है।

इस बारे में भोपाल सीबीएसई सहोदय सचिव पीएस कालरा कहते हैं, प्रति विषय लगभग 500 से लेकर 1000 रुपए तक फीस बोर्ड को जमा करना होगी। स्कूल में आयोजित होने वाले फाइनल एक्जाम समेटिव-टू में स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना होगा। पीटीएस फाइनल एक्जाम के बाद ही होगा।

निगेटिव मार्किग भी होगी

प्रत्येक प्रश्न-पत्र में 100 अंक के बहुविकल्पीय सवाल होंगे लेकिन यह सवाल थ्योरी न होकर पूरी तरह से प्रैक्टिकल ओरियंटेड होंगे। दसवीं के ढाई घंटे के पेपर में नौवीं के सिलेब्स से भी सवाल पूछे जाएंगे। गलत जवाब देने पर निगेटिव मार्किग होगी लेकिन इसके अंक फिलहाल तय नहीं हुए हैं।

ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस पेपर की तैयारी के लिए सैंपल पेपर भेजे जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर विषय का पेपर देश के अलग-अलग प्रतिष्ठित संस्थान सेट करेंगे।

सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेस(इंग्लिश),भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर,मुंबई(साइंस और मैथ्स), इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंस रिसर्च(सोशल साइंस)और सेंट्रल हिंदी इंस्टीट्यूट फॉर सोशल स्टडीज(हिंदी)का पेपर सेट कर करेगा(प्रीति शर्मा,दैनिक भास्कर,भोपाल,9.9.2010)।

1 टिप्पणी:

  1. श्रीमान जी मुझे लगता है अब पढ़ाई मात्र एक औपचारिकता रह गयी है।

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