हड़ताली पारा शिक्षकों पर शिकंजा और कसता जा रहा है। सरकार ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। ग्राम शिक्षा समिति को पारा शिक्षकों की पूरी कुंडली तैयार करने को कहा गया है। इसके बाद समिति ने पारा शिक्षकों का सेवा इतिहास तैयार करना शुरू कर दिया है। मानव संसाधन विकास विभाग का स्पष्ट कहना है कि सेवा शर्त के आधार पर पारा शिक्षकों की बहाली हुई थी। अगर उन्हें वह शर्त पसंद नहीं तो वे अपनी सेवा वापस कर सकते हैं। वहीं, पारा शिक्षक सेवा नियमित करने व मानदेय बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं। सरकार ने साफ कहा है कि इन शिक्षकों के चलते बच्चों को स्कूल से बाहर नहीं रखा जा सकता है। अगर पारा शिक्षक काम पर नहीं लौटते हैं तो तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। सभी जिला शिक्षा कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिया है कि आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त कराएं और उनके स्थान पर नए पारा शिक्षक की नियुक्ति करें। प्रशासन के निर्देश पर ही रांची के चार पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। ग्राम शिक्षा समिति को पूरे कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। किसी भी स्थिति में मामला कानूनी प्रक्रिया में न उलझे, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। ग्राम शिक्षा समिति के एक अध्यक्ष ने बताया कि हमलोगों ने पारा शिक्षकों के अब तक के आंदोलन और हड़ताल पर रहने के कारण छात्रों की बाधित कक्षाओं की पूरी सूची तैयार कर ली है। साथ ही नियुक्ति के समय इन पारा शिक्षकों ने जिन सेवा शर्त पर हस्ताक्षर किया था, उसे भी सामने रखा जा रहा है। इसके बाद ही कार्रवाई हो रही है। साथ ही द्वितीय स्तर का लाइनअप भी लगभग तैयार कर लिया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पारा शिक्षकों के किसी कारण से हटने के बाद उनके बाद जो उम्मीदवार मेरिट लिस्ट में होगा, उसे बुलाया जाएगा। साथ ही तात्कालिक व्यवस्था के तहत बंद प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए रिटायर शिक्षकों को काम पर लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि उन्हें दैनिक वेतन पर रखा जाएगा। स्थायी व्यवस्था होने तक वे वहां काम करेंगे। पारा शिक्षकों की हड़ताल का प्रभाव यह है कि बेड़ो व चान्हों के सभी पारा शिक्षक इसकी जद में हैं। वहीं अनगड़ा प्रखंड के 415 में से 388, बुंडू के 170 में से 125, बुढ़मू के 456 में से 448, कांके के 267 में से 251, मांडर के 159 में से 152, नामकूम के 198 में से 164, ओरमांझी 229 में से 212, रांची 1 के 127 में से 54 और सोनाहातू के 270 में से 96 पारा शिक्षक काम पर नहीं आ रहे हैं। अन्य स्थानों की स्थिति कुछ ठीक है। जिला प्रशासन प्रतिदिन अनुपस्थिति पंजी मंगा रहा है। हालांकि सरकार गठन की कवायद को लेकर अधिकारियों में संशय की स्थिति है। माना जा रहा है कि सरकार के गठन के बाद भी उन पर नरमी तो नहीं ही बरती जाएगी(दैनिक जागरण,रांची,9.9.2010)।
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