मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

04 सितंबर 2010

मध्यप्रदेशःकाउँसिलिंग में सबसे बड़ा फ़र्ज़ीवाड़ा

फर्जी तरीके से संस्थानों की च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग, १ हजार से ज्यादा विद्यार्थी शिकार

मप्र संचालनालय तकनीकी शिक्षा द्वारा आयोजित ऑनलाइन काउंसलिंग में १ हजार से भी अधिक विद्यार्थी ब़ड़े फर्जीवा़ड़े के शिकार हुए हैं। कियोस्क सेंटर और निजी संस्थानों के एजेंटों ने मिलकर बीई संस्थानों की च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग खुद कर दी।

विद्यार्थियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से च्वॉइस फिलिंग और लॉकिंग तक का भुगतान इन संस्थानों ने कर दिया। जबकि कई विद्यार्थी ऐसे हैं जो काउंसलिंग में शामिल ही नहीं हुए थे। इसकी जानकारी उन्हें रजिस्ट्रेशन, च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग की अंतिम तिथि पर पता चली। एजेंटों ने डीटीई की वेबसाइट पर काउंसलिंग में जारी १२वीं के विद्यार्थियों की मेरिट सूची से पूरी जानकारी ले ली।

फिर कियोस्क सेंटर से अपने संस्थानों के नाम से च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग कर दी। उन्होंने डीटीई के हेल्पलाइन नंबर से पासवर्ड तक हासिल कर लिए। जीएसआईटीएस के असिस्टेंट नोडल अधिकारी शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि फर्जीवा़ड़े की शिकायत करने विद्यार्थी शुक्रवार सुबह से सहायता केन्द्र पहुँचने लगे थे।

जबलपुर के चार संस्थानों के नाम हैं- राधास्वामी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रविशंकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, सेंट एलॉयसियस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ इंजी एंड टेक्नोलॉजी।

रजिस्ट्रेशन में एजेंटों ने एक ही ई-मेल sarand9129@rediffmail.com और मोबाइल ९८०६६२०९७२ का इस्तेमाल किया। जबलपुर के अधिकृत कियोस्क सेंटर K१०४८२००२२२९१२ से एक एजेंट ने ८० से अधिक रजिस्ट्रेशन व च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग की। इसके संचालक विवेक साहू ने पुष्टि की कि एक व्यक्ति ने यहाँ से करीब ८० से भी अधिक च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग की। उसका कहना था कि विद्यार्थियों ने कहा है। इसके लिए ८२ हजार चुकाए गए। सबसे ज्यादा च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग अजा व पिछ़ड़ा वर्ग के लिए की गई।

"रजिस्ट्रेशन व लॉकिंग का शुल्क जमा नहीं किया था। इसके बाद भी हमारे नाम से फर्जी लॉकिंग हो गई है। इसमें दिया गया ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर भी हमारा नहीं है"-सारंग साहू,

"विद्यार्थी तृतीय चरण का रजिस्ट्रेशन करने पर हमें फर्जी लॉकिंग के बारे में पता चला। काउंसलिंग में शामिल ही नहीं हुए थे। हमारे नाम से जबलपुर के चार संस्थानों की च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग भी कर दी गई थी"-मदनकुमार जोठ,

"विद्यार्थियों के साथ धोखाध़ड़ी की गई है तो वे इसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएँ। वे डीटीई से संपर्क कर सकते हैं। डीटीई उनकी हरसंभव मदद करेगा"-डॉ. लक्ष्मीनारायण रेड्डी, ओएसडी(आशीष अस्टोनकर,नई दुनिया,इन्दौर,4.9.2010)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।