पटना विवि के शिक्षा विभाग में चालू सत्र में स्ववित्त पोषण नीति के तहत संचालित कोर्स एम इन एजुकेशन की पढ़ाई नहीं होगी। विवि ने पिछले सत्र में कम नामांकन के कारण कोर्स को बंद करने का फैसला किया है। विवि ने विभाग को चालू सत्र में नामांकन नहीं लेने का निर्देश दिया है। राजभवन से नये कोर्स की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से विवि में चालू सत्र में बीएड की पढ़ाई पर भी संकट गहरा गया है। विवि द्वारा पिछले सत्र में शिक्षा विभाग को स्ववित्त पोषण नीति के तहत एम इन एजुकेशन कोर्स को शुरू करने की मंजूरी दी गयी थी। कोर्स में नामांकन की साठ सीटें आवंटित की गयी थी। राज्य सरकार एवं विवि ने कोर्स चलाने के लिए अनुदान का प्रावधान नहीं किया। विभाग को शुल्क की राशि से कोर्स चलाने को कहा गया। शुरू में यह सोचा गया था कि एमएड के समक्ष इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी उमड़ पड़ेंगे। मगर, ऐसा कुछ न हुआ आवंटित साठ सीट के विरुद्ध मात्र सोलह नामांकन ही हुए जिसके कारण शुल्क के रूप में बहुत कम आमदनी हुई। पैसे की कमी के कारण कक्षा लेने वाले शिक्षकों को पारिश्रमिक देने में मुश्किल होने लगी। विभाग के अध्यक्ष डा. बशी जफर ने कुलपति प्रो. श्यामलाल से चालू सत्र से एम इन एजुकेशन की पढ़ाई बंद करने की अनुमति मांगी जिसे कुलपति ने स्वीकार कर लिया। इस बीच राजभवन से नये कोर्स की मंजूरी नहीं मिलने से विवि में बीएड की पढ़ाई पर संकट गहरा गया है। अभी तक प्रवेश परीक्षा के कार्यक्रम भी तय नहीं किये गये हैं। विवि में बीएड के चालू सत्र को शून्य सत्र घोषित करने की सुगबुगाहट शुरू होने लगी है।
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