शिक्षा, शोध एवं चिकित्सा क्षेत्रों में अपनी-अपनी उत्कृष्ट पद्धतियों का करेंगे आदान-प्रदान
देवसंस्कृति विवि व अकादमी ऑफ इंडियन ट्रेडिशनल सांइसेज इटली के सेंट्रो स्टडी भक्ति-वेदांता (सीएसबी) के बीच हुई सहमति (एमओयू) के तहत दोनों शिक्षण संस्थान अपनी-अपनी उत्कृष्ट पद्धतियों का आदान-प्रदान करेंगे। कुलाधिपति प्रणव पण्डया की मौजूदगी में देसंविवि की ओर से कुलपति एसपी मिश्र एवं सीएसबी की ओर से संस्था के अध्यक्ष मार्काे फेरीनी ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। इसके तहत दोनों शिक्षण संस्थानों के बीच भारतीय दर्शन, शिक्षा, शिक्षण तकनीक, शोध एवं चिकित्सा के क्षेत्र में एक-दूसरे का सहयोग करने का निर्णय लिया गया। प्रो. फेरीनी ने कहा कि दोनों देशों की शिक्षण तकनीकों एवं मानवीय मूल्यों में कई समानताएं है। सफेद धोती-कुर्ता व कंधे पर अंगरखा पहने प्रो. फेरीनी ने भारत को संतों-महापुरुषों का देश बताते हुए कहा कि इटली में भी कई प्रख्यात तपस्वी संत और दार्शनिक हुए है। दोनों की संस्कृति समान है, इटली में रामायण व महाभारत खासे प्रचलित है। समझौते के तहत देसंविवि के कुलपिता श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा जीवन-दर्शन, वैज्ञानिक, अध्यात्मवाद, आत्म-परिष्कार आदि विषयों पर लिखे गये साहित्य का सहयोग लेकर इटैलियन संस्थान द्वारा पाठयक्रम तैयार किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से भारतीय संस्कृति सभ्यता पर कार्य कर रहे प्रो. फेरीनी ने कई पुस्तकें लिखी है(राष्ट्रीय सहारा,हरिद्वार,3.9.2010)।
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