मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

17 सितंबर 2010

रेडियोधर्मी पदार्थों पर रोक से डीयू में रोष

दिल्ली विश्वविद्यालय में रेडियोधर्मी पदार्थों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने पर छात्र परेशान हो गए हैं। उनका प्रैक्टिकल का काम बंद पड़ा है। इस मामले में हुई लापरवाही के लिए अब प्रशासन को कोस रहे हैं। छात्रों के साथ ही साथ शिक्षक भी इस मुद्दे पर आंदोलित हैं और वे कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

राजधानी में चार माह पहले अप्रैल में मायापुरी के कबाड़ बाजार में कोबाल्ट ६० के बाहर फैलने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दस लोग घायल हो गए थे। इसके बाद परमाणु ऊर्जा नियामक मंडल इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया था। कबाड़ में कोबाल्ट ६० जैसे रेडियोधर्मी पदार्थ इस विश्वविद्यालय के रसायन विभाग से ही नीलाम किया गया था। जबाव नहीं मिलने के कारण नियामक मंडल ने विश्वविद्यालय के प्रयोग शालाओं में इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।

उधर इस कार्रवाई से छात्र परेशान हैं। उनका कहना है कि विज्ञान के ज्यादातर कोर्स में प्रैक्टिकल अनिवार्य है। इस प्रैक्टिकल में रेडियोधर्मी पदार्थों का इस्तेमाल भी होता रहा है। लेकिन हादसे के बाद इससे जुड़े पै्रक्टिकल का काम बंद हो गया है। इससे जुड़े रिसर्च के काम में भी बाधा आ रही है। छात्रों की इस परेशानी की वजह प्रशासन है। अगर वह इस मामले में लापरवाही नहीं बरतती तो ऐसा हादसा नहीं होता। संस्थान की बदनामी भी नहीं होती। उधर छात्रों और आमलोगों के भविष्य से खिलवाड़ करने का जिम्मेदार शिक्षक प्रशासन को मान रहे हैं। उनका कहना है कि कुलपति प्रो दीपक पेंटल ने इसे कबाड़ के रूप में नीलामी की अनुमति दी। उनके साथ विभाग के अधिकारीनुमा कुछ प्रोफेसर भी गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते रहे। पुलिस को इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की मांग है कि ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके फौरन कार्रवाई होनी चाहिए। अपनी इस मांग को लेकर शिक्षक शुक्रवार को कुलपति कार्यालय तक मार्च करेंगे। शिक्षकों ने शुक्रवार को ११ बजे आमसभा की बैठक भी बुलाई है। छात्र संघ अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने भी कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है(नई दुनिया,दिल्ली,17.9.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।