सीबीएसई की ओर से दसवीं कक्षा में शुरू की गई ग्रेडिंग और सीसीई प्रणाली टॉप रैंक के छात्रों के लिए नुकसानदायक है। इससे न सिर्फ इन छात्रों में एक-एक नंबर के लिए होने वाली प्रतिस्पर्धा खत्म होगी बल्कि इन छात्रों को बड़ी कक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने का मौका भी छीन जाएगा।
शिमला में,कल खलीणी के ईस्ट बॉर्न होटल में आयोजित आईसीएसई स्कूलों की दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी गैरी अराथुन ने ग्रेडिंग सिस्टम को होनहार छात्रों के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि इससे 97 फीसदी और 92 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को एक ही ग्रेड मिलेगा जिससे 97 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्र को हौंसला खत्म हो जाएगा।
कार्यशाला के दौरान विभिन्न बोर्डो के तहत एक समान पाठ्यक्रम होने और स्कूलों में शिक्षा का ऊंचा स्तर बनाए रखने को लेकर चर्चा की गई। अंतिम दिन मुख्य कार्यकारी ने पंजाब, चंडीगढ़ और प्रदेश के करीब 100 प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी ने कहा कि अब फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और इकोनोमिक्स विषय का सलेबस भी दूसरे बोर्डो के समान किया जाएगा।
ऐसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सेठ ने कहा कि इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अब भी इंग्लिश, जियोग्राफी और इतिहास जैसे विषयों का स्तर दूसरे बोर्डो से कहीं बेहतर है और स्कूलों को भी इसका स्तर बनाए रखने को कहा गया है। इस मौके पर बेहतर रिजल्ट देने वाले स्कूलों को भी सम्मानित किया गया(दैनिक भास्कर,शिमला,19.9.2010)।
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