महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) से संबद्ध प्रदेश के अनेक कालेजों में दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) बंद होगी। इसके लिए फरीदाबाद, पंचकूला, रेवाड़ी जिलों के सरकारी व निजी कालेज संचालकों ने विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग को पत्र लिखे हैं। पत्रों में बंद करने के अलग-अलग कारण दिए गए हैं, जिनमें अधिकतर में आय कम और कार्य का दबाव अधिक बताया गया है। सबसे अधिक विकट स्थिति फरीदाबाद में है। बताया जाता है कि यहां के लगभग सभी कालेजों ने अपने यहां दूरस्थ शिक्षा को बंद करने के लिए मदवि को पत्र लिखा है। करीब 10 हजार विद्यार्थी दूरस्थ की पढ़ाई करते हैं। जिसके बाद इन छात्रों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। सूत्रों के अनुसार दूरस्थ शिक्षा की पढ़ाई के बदले बहुत कम पैसे कालेजों को दिए जाते हैं, जबकि कार्य का दबाव अधिक रहता है। इसके अलावा प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में आय की अधिक संभावनाएं होती हैं और इसकी जिम्मेदारी निजी केंद्रों को अधिक दी जाती है। इस पर कालेज संचालकों ने आपत्ति जताई है। इन्हीं कारणों से कालेज संचालक अपने यहां दूरस्थ शिक्षा की पढ़ाई को बंद करना चाहते हैं।जब इस बाबत दूरस्थ शिक्षा विभाग में संपर्क किया गया तो वहां मौजूद एक सदस्य ने बताया कि कुछ जिलों के कालेजों ने अपने यहां दूरस्थ शिक्षा की पढ़ाई बंद करने के लिए लिखा है। मगर अन्य केंद्र खोले जाने के लिए भी आवेदन आए हैं(दैनिक जागरण,रोहतक,3.9.2010)।
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