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21 सितंबर 2010

पटना विश्वविद्यालयःदर्जनभर कोर्स में शून्य सत्र

पटना विवि में करीब एक दर्जन कोर्सों में (2010-11) को शून्य सत्र घोषित कर दिया गया। इन कोर्सां में चालू सत्र में नामांकन नहीं लिए जायेंगे। पिछले सत्र में कम नामांकन होने के कारण कोर्सां को बंद करने का फैसला किया है। सोमवार को इन कोर्सों को बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी गयी। विवि द्वारा चालू सत्र से पीजी डिप्लोमा इन क्रिमीनोलाजी, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, एमएससी इन एप्लाइड माइक्रोबाइलोजी, एमए इन क्रिमीनोलाजी, पीजी डिप्लोमा इन पर्सियन स्पोकेन, क्लिनिकल साइकोलाजी, एम इन बायोडाइवर्सीटी, एक्वायरल साइंस, एम इन एंथ्रोपोलाजी, एम इन एजुकेशन, सर्टिफिकेट रिमोट सेंसिंग समेत कई कोर्स को बंद करने का फैसला किया गया है। विभाग और कालेजों को स्ववित्त पोषण नीति के तहत कोर्सों को संचालित करने की मंजूरी दी गयी थी। राज्य सरकार एवं विवि ने कोर्स चलाने के लिए अनुदान का प्रावधान नहीं किया। विभाग और कालेजों को नामांकन मद में प्राप्त आय से कोर्स चलाने को कहा गया। शुरू में यह सोचा गया था कि रोजगारप्रद होने की वजह से इन कोर्सों में नामांकन लेने के लिए छात्र- छात्राएं टूट पड़ेंगे। मगर, ऐसा नहीं हुआ कई कोर्सों में नामांकन दस प्रतिशत भी नहीं हुए। एम इन एजुकेशन में आवंटित साठ सीट के विरुद्ध मात्र सोलह नामांकन ही हुए। नामांकन कम होने का असर आय पर पड़ा। कम आमदनी के कारण कोर्स के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने एवं कक्षा लेने वाले शिक्षकों को पारिश्रमिक देने में मुश्किल होने लगी। कोर्स के समन्वयकों और प्रभारियों ने कुलपति प्रो. श्यामलाल से चालू सत्र से कोर्स को बंद करने की अनुमति मांगी, जिसे कुलपति ने मंजूर करते हुए इन कोर्सों के लिए चालू सत्र शून्य सत्र घोषित कर दिया। कुलपति ने समन्वयकों एवं प्रभारियों को पिछले सत्र का कोर्स पूरा करने के निर्देश दिये हैं(दैनिक जागरण,पटना,21.9.2010)।

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