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19 सितंबर 2010

मेडिकल पीजी कोर्सों में ‘एक एंट्रेंस’ पर मतभेद

मेडिकल कालेजों में पीजी कोर्सों में प्रवेश के लिए एक ही एंट्रेंस परीक्षा संबंधी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव का तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। केंद्र ने सरकारी और निजी कालेजों में पीजी कोर्सों में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के नये मसौदे का समर्थन किया था। महाधिवक्ता सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए भी एक ही प्रवेश परीक्षा की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

उच्चतम न्यायालय की मंजूरी मांगी थी
केंद्र और एमसीआई ने इस प्रस्ताव के लिए उच्चतम न्यायालय की मंजूरी मांगी थी। न्यायमूर्ति आरवी रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति एचएस गोखले की पीठ ने कहा कि इस बारे में न तो कोई अधिसूचना है और न ही कोई विनियमन हमें दिया गया है। ऐसे में हम कोई निर्देश कैसे दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों को नोटिस देना पड़ता है और उनकी सुनवाई भी करनी पड़ती है। पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर सतर्क नजरिया अपनाने की जरूरत है। क्योंकि छात्र संवेदनशील समुदाय हैं और इस संबंध में केंद्र के संकट में पड़ने की गुंजाइश है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में कानून होना चाहिए और हर राज्य को अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए। पीठ ने कहा कि तमिलनाडु पीजी कोर्सों में एक एंट्रेंस सिस्टम का विरोध कर रहा है। आगे दूसरे राज्य भी उसका अनुसरण कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया देख लीजिए इसके बाद ही हम कोई नजरिया बना सकते हैं(अमर उजाला,दिल्ली,18.9.2010)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. thank you.
    i dont think this is needed. what is needed is aptitude test for different field. Current MCQ test can anly test how much one can memorize rather than clinical understanding and aptitude.
    thanks again
    rr

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