अगर आप केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। थोड़ा संभलकर ! यह अच्छी खबर सिर्फ महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए है। यह उन्होंने लड़-झगड़कर अपने अधिकारों के लिए दावेदारी ठोककर ही हासिल किया है। अपने इस अधिकार के लिए पिछले दो साल से ये महिलाएं केंद्र सरकार पर दबाव बना रही थीं। आखिरकार सरकार को उन्हें इसे दोबारा देना पड़ा। अब केंद्रीय सरकारी महिला कर्मचारियों को दो साल के लिए बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश (सीसीएल) हेतु अपने अर्जित अवकाश (अर्न्ड लीव) की कुर्बानी नहीं देनी पड़ेगी।
केंद्रीय महिला कर्मचारी इसे अपनी जीत की तरह देख रही हैं। आखिर दो साल पहले केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि केंद्रीय सरकारी महिला कर्मचारियों को दो साल के लिए बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश (सीसीएल) मिलेगा। उसमें एक महीने की भीतर ही कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक सर्कुलर जारी कर अडंगा लगा दिया था। इससे महिलाएं बेतरह नाराज थीं। डीओपीटी ने अपने सर्कुलर में इस अवकाश की राह में अड़ंगा लगाते हुए यह नियम बना दिया था कि जब तक महिला कर्मचारी के पास अर्जित अवकाश है तब तक वह सीसीएल ( शिशु देखभाल अवकाश) नहीं ले सकती है। केंद्र सरकार ने जब सीसीएल की घोषणा की थी और उसे बेहद सरल ढंग से छठे वेतन आयोग ने भी स्पष्ट किया था। उसके मुताबिक केंद्रीय महिला कर्मचारी जिसका बच्चा १८ साल से छोटा है वह अपने बच्चे की देखभाल के लिए दो साल का अवकाश ले सकती है। यह अवकाश वह चाहे तो एकमुश्त ले सकती है या टुकड़ों में भी ले सकती है। यह अवकाश सामान्य तौर पर मिलने वाले अवकाश से अलग होगा। इस फैसले से वरिष्ठ केंद्रीय कर्मचारियों (पुरुषों) में खलबली मच गई थी। यह तर्क पेश किए जाने लगा कि अगर महिला कर्मचारियों को यह अवकाश दे दिया गया तो सरकारी कामकाज चलाना मुश्किल हो जाएगा। आनन-फानन में डीओपीटी ने नया सर्कुलर जारी कर महिला कर्मचारियों के लिए इसअवकाश को लेना दुरूह बना दिया। कोई भी सरकारी कर्मचारी चाहे वह स्त्री हो या पुरुष अपने अर्जित अवकाश को सेवा समाप्त होने से पहले ही खत्म नहीं करना चाहता। ऐसे में इस सर्कुलर के जरिए महिला कर्मियों को इस अवकाश से वंचित कर दिया गया। इसके खिलाफ महिला कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से लेकर सोनिया गांधी तक गुहार लगाई। इस दबाव के चलते डीओपीटी को अपना यह सर्कुलर वापस लेते हुए नया सर्कुलर जारी करना पड़ा। यह सितंबर २००८ से लागू माना जाएगा। यानी तब से जिन महिला कर्मचारियों ने बच्चों की देखभाल के लिए मजबूरी में अर्जित अवकाश लिया था उसे सीसीएल में समायोजित कर लिया जाएगा। नए सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है कि सीसीएल को साल में तीन बार ही लिया जा सकता है इसके तहत न्यूनतम अवकाश १५ दिन का मिलेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि सीसीएल को प्रोवेशन अवधि में न लिया जाए, जब तक की बहुत ही विपरीत परिस्थिति न हो(भाषा सिंह,नई दुनिया,दिल्ली,9.9.2010)।
Achhi khabar! Rajya sarkaron bhi es disha mein kadam uthayen to bahut achha hoga..
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