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14 सितंबर 2010

जाट आरक्षण को लेकर हिसार में भारी हिंसा

जाट आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को हिसार में प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए। उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। गुस्साए जाटों ने हिसार-दिल्ली मार्ग को जाम कर कई वाहनों को फूंक डाला और मय्यड़ स्थित रेलवे स्टेशन में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस अधीक्षक समेत तीन पुलिस अधिकारियों को भी धुन दिया। इसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की और गोलीबारी में कई लोग घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी इस पर भी शांत नहीं हुए और हिसार कैंट में पुलिस चौकी को फूंक डाला। हरियाणा सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं। हिसार में सोमवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा चेतावनी रैली का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए और पुलिस अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों की जमकर पिटाई कर दी। प्रदर्शनकारियों के हमले में अनेक पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी। इसमें तीन प्रदर्शनकारी घायल हो गए, जिनमें से लाडवा निवासी 16 वर्षीय सुनील लांबा की अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई। घायल पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उपपुलिस अधीक्षक सहित अनेक पुलिसकर्मियों को हिसार व हांसी के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। इसके बाद उपद्रवियों ने रोडवेज की एक बस, एक तेल टैंकर, दो अग्निशमन की गाडि़यां, एक ट्रक व एक सरकारी जीप आग के हवाले कर दी। लोगों ने मय्यड़ रेलवे स्टेशन पर भी जमकर उत्पात मचाया तथा रेलवे लाइन को उखाड़ दिया, जिसके कारण दिल्ली-बठिंडा मार्ग पर एक दर्जन रेलगाडि़यां बाधित हुईं। प्रदर्शनकारियों ने आम लोगों व मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्शा। प्रदर्शनकारियों ने करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर उनकी वर्दी तक उतार ली तथा काफी समय तक बंदी रखा गया। इस कोहराम के बाद अचानक एक व्यक्ति ने माइक पर कहा कि पुलिस ने कैंट पुलिस चौकी के करीब किशोर के शव को रोक रखा है। इस पर प्रदर्शनकारी सैकड़ों की तादाद में पुलिस चौकी की ओर दौड़े तथा वहां पहुंचकर तीन मोटरसाइकिल व एक स्कूटर को बाहर निकाल कर आग लगा दी। इससे पहले ही पुलिसकर्मी चौकी छोड़कर भाग चुके थे। जाट प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी को भी आग लगा दी। उपद्रवियों को शांत करने व स्थिति नियंत्रित करने के लिए हिसार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अनंत कुमार ढुल ने कमान संभाल ली और अन्य जिलों से भी पुलिस बल मंगाया गया। एसपी व पुलिस अधिकारियों से मारपीट की घटना के बाद जिला उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून हाथ में लेना महंगा पड़ सकता है, इस पर भीड़ और उग्र हो गई और डीसी से माफी मांगने की मांग करने लगी। मौके की नजाकत को समझते हुए अपनी बात पूरी कर वह वहां से चले गए। लेकिन प्रदर्शनकारियों का पारा और चढ़ गया(दैनिक जागरम,हिसार,14.9.2010)।

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