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05 सितंबर 2010

आंध्र के छात्र परीक्षा कराने पर फिर आंदोलित

आंध्र प्रदेश के तेलंगाना समर्थक छात्र एक बार फिर आंदोलित हैं। इस बार मामला राज्य लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) के ग्रुप-1 के पदों के लिए होने वाली परीक्षा को लेकर है। यह परीक्षा रविवार को होनी है जबकि कुछ छात्र समूहों द्वारा इसी दिन तेलंगाना बंद का आह्वान किया गया है। बंद समर्थकों की मांग है कि परीक्षा स्थगित की जाए जबकि राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि परीक्षा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। इसको लेकर तेलंगाना क्षेत्र में शनिवार को व्यापक विरोध देखा गया। छात्रों ने विभिन्न कालेजों और विश्वविद्यालयों में कक्षाओं का बहिष्कार किया। उस्मानिया यूनिवर्सिटी स्टूडेंट ज्वाइंट एक्शन कमेटी (ओयूजेएसी) के नेतृत्व में छात्रों ने राज्य की गृह मंत्री पी. सबिता इंदिरा रेड्डी से मुलाकात की और उनसे परीक्षा स्थगित करने और 42 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। उस्मानिया विश्वविद्यालय के 4 छात्रों ने शनिवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी शुरू कर दी। विवि परिसर में कुछ छात्र आर्ट कालेज की इमारत पर चढ़ गए और सरकार द्वारा उनकी मांग तत्काल नहीं मानने पर कूदने की धमकी देने लगे जिससे वहां तनाव व्याप्त रहा। विश्वविद्यालय के उप कुलपति टी. तिरुपति राव घटनास्थल पर पहुंचे और उत्तेजित छात्रों को शांत किया। उन्होंने छात्रों से अपना प्रदर्शन वापस लेने के लिए कहा। आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय और वारंगल शहर के ककाटिया विश्वविद्यालय में भी विरोध प्रदर्शन हुआ। प्राप्त सूचना के मुताबिक राज्य के रॉयल सीमा समेत अन्य इलाकों से भी छात्रों द्वारा कक्षाओं का बहिष्कार करने और शिक्षण संस्थानों को बंद करवाने की खबरें आई हैं। अलग तेलंगाना राज्य की मांग के लिए संघर्षरत तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्य समूहों ने भी बंद का समर्थन किया है। बहरहाल एपीपीएससी 198 पदों के लिए परीक्षा कराने के लिए तैयार है। पूरे राज्य में 445 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं और 16 लाख से अधिक उम्मीदवारों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है। पुलिस ने आवश्यक प्रबंध करने के साथ परीक्षा केंद्रों के पास 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है(दैनिक जागरण, राष्ट्रीय संस्करण ,५.९.2010)।

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