प्रयोगशाला में विद्यार्थियों के साथ हो रही घटनाओं को देखते हुए सीबीएसई ने वास्तविक प्रयोगशाला से हटाकर व्यवहारिक प्रयोगशाला (वचरुअल लैब) बनाने का निर्णय लिया है। यह नियम बहुत ही जल्द सीबीएसई द्वारा लागू कर दिया जाएगा।
यह घोषणा सीबीएसई चेयरमेन द्वारा की गई है।
इस लैब के माध्यम से जहां विद्यार्थियों को जोखिम से तो बचाया ही जाएगा, वहीं कई तरह के कंसेप्ट भी बेहतर किए जा सकेंगे। इस योजना को लेकर शहर के सीबीएसई विद्यालयों में भी उत्साह है और वे बहुत ही जल्द इसके लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इसके हैं कई लाभ
इस लैब से अगर छात्र कहीं बाहर है तो वह वहां बैठकर भी अपने प्रयोगों की जानकारी ले सकता है एवं इसके लिए कार्य कर सकता है।
क्या है वर्चुअल लैब
यह वास्तविक लैब की तरह ही होगी, लेकिन इसमें सीधे रसायनों से संबंध न होकर ऑनलाइन जानकारी दी जाएगी। इससे विद्यार्थियों को बिना भय के रसायनों की सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। वर्चुअल लैब के बनने से जहां विद्यार्थियों को कई तरीके के खतरे से तो बचाया जा सकेगा, वहीं इससे ग्लोबलाइजेशन और शिक्षा में तकनीकी विस्तार भी होगा(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,14.9.2010)।
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